राफेल सौदे पर जुबानी जंग: बोलीं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण- यूपीए के समय ही डील से बाहर हुआ एचएएल

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को राफेल विमान सौदे में ‘प्रक्रियाओं का उल्लंघन’ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सवाल किया कि आखिर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से बचकर सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 19, 2018 8:58 AM

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को राफेल विमान सौदे में ‘प्रक्रियाओं का उल्लंघन’ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सवाल किया कि आखिर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से बचकर सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है? एंटनी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की विनिर्माण क्षमता पर सवाल उठाने संबंधी सीतारमण के कथित बयान का उल्लेख करते हुए उन पर हमला बोला और आरोप लगाया कि वह इस तरह के बयान से सार्वजनिक क्षेत्र के इस उपक्रम की छवि खराब करने का प्रयास रह रही हैं.

एंटनी ने संवाददाताओं से कहा कि यह सरकार कह रही है कि उसका सौदा सस्ता है. अगर ऐसा है, तो उन्होंने सिर्फ 36 विमान क्यों खरीदे हैं, जबकि वायुसेना की तत्काल जरूरत 126 विमानों की है. कहा कि विमानों एवं हथियारों की जरूरत का फैसला रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएससी) करती है, परंतु प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस जाकर 126 विमानों के सौदे को 36 विमानों के सौदे में तब्दील कर दिया.

यूपीए के समय ही डील से बाहर हुआ एचएएल : निर्मला

कांग्रेस नेता एके एंटनी के आरोपों पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार को राफेल लड़ाकू विमान यूपीए के समय हुई डील से नौ फीसदी सस्ते रेट पर मिल रहे हैं. यूपीए सरकार के समय में एचएएल डील से बाहर हो गयी थी. डील यूपीए के दौरान नहीं हुई. इसके अलावा, यूपीए के दौरान एचएएल और दसॉल्ट के बीच प्रोडक्शन टर्म्स को लेकर सहमति भी नहीं बन सकी थी. ऐसे में एचएएल और राफेल एक साथ काम नहीं कर सकते थे.

विमान सौदे पर रोक वाली याचिका पर 10 को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए भारत और फ्रांस के बीच समझौते के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई दस अक्तूबर के लिए स्थगित कर दी. इस याचिका में राफेल लड़ाकू विमानों के लिए 23 सितंबर, 2016 को हुए समझौते पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है. जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने याचिका पर सुनवाई 10 अक्तूबर के लिए उस वक्त स्थगित कर दी, जब याचिकाकर्ता अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने इसके लिए अनुरोध करते हुए कहा कि वह कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करना चाहते हैं.

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