भारत बंद कराने सड़क पर उतरीं 21 पार्टियां, दिल्ली में मोदी सरकार पर गरजे राहुल गांधी

नयी दिल्ली : पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में कांग्रेस के नेतृत्व में 21 दलों ने सोमवार को सात घंटे (सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक) भारत बंद किया. सोमवार की सुबह से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ जगहों पर हिंसा भी हुई. सड़कों पर टायर जलाकर जाम किया गया, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 10, 2018 9:32 AM

नयी दिल्ली : पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में कांग्रेस के नेतृत्व में 21 दलों ने सोमवार को सात घंटे (सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक) भारत बंद किया. सोमवार की सुबह से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ जगहों पर हिंसा भी हुई. सड़कों पर टायर जलाकर जाम किया गया, तो ट्रेनों को भी रोका गया. कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने बंद को अभूतपूर्व रूप से सफल बताया, तो सरकार ने भारत बंद को विफल करार दिया. कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि सभी विरोधी दल मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट हैं, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विरोधी दलों के मंच पर नहीं दिखी.

इस अवसर पर नयी दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश से दावा किया कि पूरा विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट हो गया है. उन्होंने वादा किया कि वर्ष 2019 के आम चुनावों में विपक्षी दल मिलकर नरेंद्र मोदी की सरकार को हरा देंगे. सत्ता से हटा देंगे.

इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह भी मोदी सरकार पर जमकर बरसे. कहा कि मोदी सरकार ने कई ऐसे काम किये हैं, जो देशहित में नहीं थे. उन्होंने कहा कि इस सरकार को बदलने का वक्त आ गया है. उन्होंने विपक्ष से अपील की कि एनडीए सरकार को सत्ता से बेदखल करने और लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी पार्टियां आपसी मतभेद को भूलकर एकजुट हो जायें.

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शरद पवार ने भी कहा कि इस सरकार के जाने का वक्त हो गया है. उन्होंने कहा कि देश में बदलाव की जरूरत है. लोगों के हितों की रक्षा के लिए काम करने वाले सभी राजनीति दलों को मिलकर देशवासियों को व्यवस्था देनी चाहिए. इस जनिवरोधी सरकार को हटाने के लिए प्रयास होना चाहिए. प्रयास किया, तो देशवासियों का साथ जरूर मिलेगा.

अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता सुबह से ही बंद कराने के लिए सड़कों पर उतर आये. दूसरी तरफ, भाजपा शासित प्रदेशों में बंद को विफल करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किये थे. सभी राज्यों में हिंसक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिये गये हैं.

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इससे पूर्व, पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस की ओर से बुलाये गये ‘भारत बंद’ के तहत सोमवार को 20 से अधिक विपक्षी दलों के नेताओं ने राजघाट से रामलीला मैदान तक मार्च किया. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए. प्रदर्शन में सोनिया गांधी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह भी शामिल हुए.

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कांग्रेस के मुताबिक समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), जद(एस), आम आदमी पार्टी (आप), तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), नेशनल कॉन्फ्रेंस, झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (झाविमो-प्र), एआइयूडीएफ, केरल कांग्रेस (एम), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), आइयूएमएल और लोकतांत्रिक जनता दल के नेता इस प्रदर्शन में शामिल हैं. लेकिन, सपा और बसपा का कोई नेता मंच पर नहीं दिखा.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मौके पर संवाददाताओं से कहा, ‘देश के सभी विपक्षी दलों ने भारत बंद में शामिल होने का फैसला किया. इसके साथ ही यह भी सहमति बनी कि दिल्ली में भी हमें एकजुटता दिखानी होगी. सभी प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं.’ सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने इन सभी विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं से बात की थी, जिसके बाद सभी ने ‘भारत बंद’ का समर्थन किया. कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के खिलाफ ‘भारत बंद’ बुलाया है.

पार्टी ने सभी सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे ‘भारत बंद’ का समर्थन करें. कांग्रेस का कहना है कि उसकी ओर से बुलाया गया ‘भारत बंद’ सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक रहेगा, ताकि आम जनता को दिक्कत नहीं हो.

-मुंबई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अंधेरी में रेल रोका, तो राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने परेल के भारतमाता जंक्शन नाका पर स्थित दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को जबरन बंद कराया.

-भारत बंद के मद्देनजर ईस्ट कोस्ट रेलवे जोन ने भुवनेश्वर-हावड़ा जन शताब्दी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर-विशाखापत्तनम इंटरसिटी एक्सप्रेस समेत एक दर्जन ट्रेनों को रद्द कर दिया.

-बिहार की राजधानी पटना में पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के कार्यकर्ता राजेंद्र नगर टर्मिनल के रेलवे ट्रैक पर उतर गये और ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिया. वाहनों में तोड़फोड़ की. पुलिस जीप को भी नहीं बख्शा.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजधानी रायपुर समेत कई जिलों में प्रदर्शन किये.

गुजरात में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने भरुच में टायर जलाकर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी उछाल का विरोध किया. प्रदर्शनकारियों ने ट्रैफिक व्यवस्था को ठप कर दिया. बसों का परिचालन भी नहीं हो सका.

महाराष्ट्र के पुणे में भारत बंद से निबटने के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये थे. पूरे शहर में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी थी. पुणे सिटी के पुलिस कमिश्नर डॉ के वेंकटेशम ने ट्वीट कर कहा कि जो भी कानून को हाथ में लेने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.

आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में भाकपा और माकपा के कार्यकर्ताओं ने ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में प्रदर्शन किया. झंडा-बैनर से लैस वाम दलों के नेताओं ने सरकार विरोधी नारे भी लगाये. इसी राज्य के विशाखापत्तनम में भी माकपा ने जोरदार प्रदर्शन किया.

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह-सुबह यादादरी भुवनगिरि जिला के भोंगिर और मुशीराबाद बस डिपो पहुंचे और यहां से एक भी बस नहीं खुलने दी. ये लोग बस डिपो के मुख्य द्वार पर बैठ गये.

बीजद शासित प्रदेश ओड़िशा में भी विरोधी दलों ने ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में प्रदर्शन किया. राजधानी भुवनेश्वर में बंद समर्थकों ने मोटरसाइकिल रैली निकाली. रेलवे स्टेशनों पर पहुंचकर ट्रेनें रोकीं और सड़कों पर बैठकर अपना विरोध जताया. संबलपुर में भी कांग्रेसियों ने ट्रेनों का आवागमन बाधित कर दिया.

कर्नाटक में नॉर्थ ईस्टर्न कर्नाटक रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NEKRTC) की बसें नहीं चलीं. कर्नाटक में भारत बंद का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है.

राजस्थान में भारत बंद को विफल करने के लिए सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किये गये थे. पुलिस ने कहा कि एहतियातन कई कदम उठाये गये हैं. पुलिस को आदेश दिये गये हैं कि यदि कोई हिंसक प्रदर्शन करने की कोशिश करे, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये.

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