रेप केस में आसाराम को सजा: लंबी लुका-छिपी के बाद इंदौर से हुआ था अरेस्ट

जोधपुर : इंदौर में लंबी लुका-छिपी के बाद आसाराम को गिरफ्तार करने और इस मामले की जांच में शामिल रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अजय पाल लांबा को इस दौरान कई धमकी भरे पत्र और फोन कॉल्स के जरिये डराया जाता था. लांबा ने बताया कि मुझे इस मामले की जांच का जिम्मा 20 अगस्त, 2013 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 26, 2018 8:00 AM

जोधपुर : इंदौर में लंबी लुका-छिपी के बाद आसाराम को गिरफ्तार करने और इस मामले की जांच में शामिल रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अजय पाल लांबा को इस दौरान कई धमकी भरे पत्र और फोन कॉल्स के जरिये डराया जाता था. लांबा ने बताया कि मुझे इस मामले की जांच का जिम्मा 20 अगस्त, 2013 को मिला था. उस समय में मैं जोधपुर के डीसीपी पद पर था. कई धमकियां मिलने के बाद भी मैंने हार नहीं मानी और अपना काम करता रहा.

लांबा बताते हैं कि धमकी भरे खतों में मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी जाती थी. मैं अपने मोबाइल फोन पर अज्ञात लोगों की कॉल्स रिसीव नहीं करता था. इन धमकियों का सिलसिला तब खत्म हुआ, जब मैं उदयपुर में शिफ्ट हो गया.

जन्मतिथि बदलवाने को लेकर मिली थी धमकी
शाहजहापुर : आसाराम को मिली उम्रकैद की सजा के बाद उस स्कूल के प्राचार्य राहत महसूस कर रहे हैं, जहां पीड़िता ने पढ़ाई की थी. स्कूल प्राचार्य अरविंद बाजपेयी ने कहा कि उन्हें आसाराम के अनुयायियों से धमकियां मिल रहीं थीं. वे पीड़िता की जन्मति​थि बदलवाना चाहते थे, ताकि आसाराम को पॉक्सो कानून के तहत कड़ी सजा से बचाया जा सके. वे चाहते थे कि मैं पीड़िता की आयु बढ़ाकर दिखाऊं. प्राचार्य इस मामले में गवाह भी हैं.

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