मत्स्यगंधा झील को वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने का कार्य शुरू

वर्षों से उपेक्षित जिले का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मत्स्यगंधा झील एवं इसके क्षेत्र के भी अच्छे दिन अब आने वाले हैं.

By Dipankar Shriwastaw | September 24, 2025 7:21 PM

लगभग 98 करोड़ की राशि से होगा विकास, 40 कमरों का प्रथम चरण में हो रहा निर्माण

विनय कुमार मिश्र, सहरसा वर्षों से उपेक्षित जिले का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मत्स्यगंधा झील एवं इसके क्षेत्र के भी अच्छे दिन अब आने वाले हैं. यह क्षेत्र बहुत जल्द ही वैश्विक पटल पर पर्यटन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान स्थापित करेगा. इसको लेकर चयनित कार्य एजेंसी द्वारा मत्स्यगंधा में तेज गति से कार्य शुरू कर दिया गया है. निर्माण में लगने वाले मेटेरियल एवं अन्य संसाधन जुटाए जा रहे है. खुदाई एवं निर्माण की दिशा में कार्य आगे बढ़ रहा है. केंद्र सरकार ने इसके लिए लगभग 98 करोड़ की राशि की स्वीकृति दी है. जिस पर अब कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. पर्यावरणीय, ऐतिहासिक एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण इस झील के सौंदर्यीकरण के लिए पटना की कार्य एजेंसी आद्या राज डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने कार्य शुरू किया है. कार्य स्थल पर मौजूद कर्मियों ने बताया कि झील के पुनर्विकास एवं सौंदर्यीकरण की अवधि एक वर्ष निर्धारित की गयी है. निर्माण कार्य का जिलाधिकारी दीपेश कुमार ने पिछले दिनों जायजा लेते दिशा निर्देश दिया है. वहीं पहले चरण में लगभग 40 कमरों का निर्माण कार्य शुरू किया गया है.

400 मीटर तक विकसित होगा घाट

योजना के तहत झील के लगभग 400 मीटर घाट को विकसित किया जायेगा. इस विकास कार्य में घाट का निर्माण, बैठने की व्यवस्था, साज-सज्जा, रोशनी की आधुनिक व्यवस्था, सुरक्षा एवं स्वच्छता जैसे सभी पहलुओं को शामिल किया गया है. यह घाट ना केवल धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि आमजनों के लिए एक आकर्षक व मनोरम स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा.

प्रमुख आकर्षण होगा ग्लास ब्रिज व फाउंटेन

झील के सौंदर्यीकरण के तहत यहां ग्लास ब्रिज का निर्माण किया जायेगा, जो सैलानियों एवं स्थानीय लोगों के लिए एक खास आकर्षण होगा. यह ब्रिज झील के ऊपर निर्मित होगा. जिससे झील की खूबसूरती को नजदीक से देखा जा सकेगा. इसके अलावा, मल्टीकलर फाउंटेन भी लगाये जायेंगे.

मत्स्यगंधा पर आधारित म्यूजियम का निर्माण

इस योजना का सबसे अहम पहलू यह है कि झील के किनारे मत्स्यगंधा से संबंधित एक ऐतिहासिक म्यूजियम का निर्माण भी प्रस्तावित है. यह म्यूजियम ना केवल झील के नाम की पौराणिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को दर्शायेगा, बल्कि इसके माध्यम से स्थानीय संस्कृति व इतिहास को संरक्षित करेगा. म्यूजियम में डिजिटल डिस्प्ले, आर्ट गैलरी एवं प्राचीन दस्तावेजों के संग्रह की भी व्यवस्था होगी.

पर्यावरण व रोजगार की दृष्टि से भी है अहम

यह परियोजना ना केवल पर्यावरण संतुलन को सुदृढ़ करने में सहायक होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर को बढ़ायेगा. इसके अलावे सेंट्रल एंट्रेंस प्लाजा, एक्सपीरियंस सेंटर, शोरवेनियर शॉप, टॉयलेट ब्लॉक, शॉप्स, फूड कोर्ट एंड एडमिन ब्लॉक, हाट, पार्किंग, तीन एंट्रेंस गेट, प्रॉमिनेंट एलिवेटेड वॉक वे, सेंट्रल स्टैचू, ट्री ऑफ लाइट एंड सुपर ट्रीज, सेंट्रल पाउंड, परफॉर्मेंस स्टेज, सेल्फी प्वाइंट, मेला ग्राउंड, पाथवे एंड कैंपस डेवलपमेंट विथ लैंडस्केप बनेगा.

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