विधि के ज्ञान का उपयोग संवेदना व करुणा के भाव से करें : राज्यपाल

फोटो-दीपकगन्नीपुर स्थित श्रीकृष्ण जुबली लॉ कॉलेज में एलएलएम विभाग का शुभारंभबिहार और केरल के राज्यपाल ने की कार्यक्रम में शिरकत, किया उद्घाटनउपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरगन्नीपुर स्थित श्रीकृष्ण जुबली लॉ कॉलेज में

By Vinay Kumar | September 18, 2025 7:16 PM

फोटो-दीपक

गन्नीपुर स्थित श्रीकृष्ण जुबली लॉ कॉलेज में एलएलएम विभाग का शुभारंभ

बिहार और केरल के राज्यपाल ने की कार्यक्रम में शिरकत, किया उद्घाटन

उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर

गन्नीपुर स्थित श्रीकृष्ण जुबली लॉ कॉलेज में एलएलएम विभाग का शुभारंभ किया. इसका उद्घाटन सूबे के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, सांसद देवेश चंद्र ठाकुर, बीआरएबीयू के कुलपति प्रो दिनेश चंद्र राय ने दीप प्रज्वलित कर किया. राज्यपाल आरिफ ने कहा कि विधि की उच्चतर शिक्षा लेने वाले छात्रों को यह जानना चाहिये कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं? वकीलों का जितना मजाक बनाया गया है, उतना किसी दूसरे पेशे का नहीं. इसलिए हमें खुद को पहचानने की जरूरत है. एक बात याद रखनी चाहिये कि हमारे अंदर चाहे जितना ज्ञान हो, लेकिन संवेदना व करुणा नहीं है तो वह शक्ति जो ज्ञान से आती है, उसका इस्तेमाल करने में व्यक्ति राक्षस बन जाता है. हमें याद रखना चाहिये कि हम मानव हैं. हममें संवेदना होनी चाहिये.

केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि एलएलएम की पढ़ाई कर रहे छात्रों को यह विचार करना चाहिये कि वह पढ़ाई करने के बाद क्या करेंगे. क्या सिर्फ प्रैक्टिस कर पैसा कमायेंगे या समाज को देने के लिए भी उनके पास कुछ है. सिर्फ वकील बनकर काला कोट पहन लेने से समाज का भला नहीं होगा. आपका ज्ञान समाज के लिए होना चाहिये. विधि व निषेध को संस्कृति में धर्म कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट के लोगों में भी लिखा है कि जहां धर्म, वहां जय होती है. पूजा करना धर्म नहीं, पंथ है.

विवेकानंद व डॉ राधाकृष्णन को किया उद्धृत

राज्यपाल ने कहा कि जब किसी कोर्स में एडमिशन नहीं मिलता था तो छात्र एलएलबी में एडमिशन लेते थे, लेकिन अब यह आसान नहीं है. इस पढ़ाई से हम जो ज्ञान की शक्ति अर्जित करेंगे, उसका उपयोग कैसे करना है, यह हमें विचार करना होगा. स्वार्थ से प्रेरित व्यक्ति अपने और परिवार के लिए साधन जुटाता है, लेकिन ज्ञानी, शक्ति व साधन अर्जित कर देश के कल्याण में लगा देता है. उन्होंने स्वामी विवेकानंद व डॉ राधाकृष्णन की विचारों को उद्धृत किया. कहा कि धर्म व रिलीजन एक नहीं, दोनों अलग हैं. जिसे हम मानते हैं, जिसके प्रति आस्था रखते हैं, उसकी उपासना कैसे की जाये, यह व्यक्ति का मामला है, लेकिन जिस आचरण से दुनिया में सुधार आये और मरने के बाद भी कल्याण हो, वही धर्म है.

कोर्स 2023 में शुरू, अब तक फर्स्ट सेमे. की ही परीक्षा

इससे पूर्व सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने इस कॉलेज में एलएलएम की पढ़ाई की स्वीकृति देने के लिये पूर्व राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर का आभार प्रकट किया. कहा कि जब वे सूबे के राज्यपाल थे, तब उनका साथ कॉलेज प्रबंधन को मिलता रहा. सारे कागजात देखने के बाद 15 वर्ष से लंबित इस काेर्स को 15 दिन के अंदर ही स्वीकृति दे दी. सांसद ने कहा कि यह कोर्स 2023 में शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक फर्स्ट सेमेस्टर की ही परीक्षा हुई है, इस पर कॉलेज प्रबंधन को ध्यान देना चाहिये.कॉलेज सचिव उज्ज्वला मिश्रा ने कहा कि पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री एलपी शाही का सपना था कि यह एक प्रतिष्ठित कॉलेज बने, हम सभी उनके सपनों और संकल्पों को मूर्त रूप दे रहे हैं. हम न्याय व मानवता के लिए काम करेंगे. एसके मिश्रा ने कहा कि यहां एलएलएम विभाग की स्थापना का उद्देश्य सिर्फ विधि की पढ़ाई ही नहीं, बल्कि एक नयी दिशा भी देनी है. हम सभी यहां शोध, नीति निर्माण व मानव अधिकारों की रक्षा में अपना योगदान देंगे. धन्यवाद ज्ञापन कॉलेज निदेशक जयंत कुमार ने किया. मौके पर कॉलेज के प्राचार्य केके एन तिवारी, उपप्राचार्य ब्रजमोहन आजाद सहित शिक्षक व कर्मचारी मौजूद थे.

वकील बन कर समाज में स्थापित करें न्याय

बीआरएबीयू के कुलपति प्रो दिनेश चंद्र राय ने कहा कि विधि केवल कागज पर लिखी न्याय की धारा नहीं है, बल्कि न्याय को कैसे संरक्षित किया जाये, इसका भी ज्ञान देता है. यहां पढ़नेवाले छात्र सिर्फ वकील नहीं बनें, बल्कि न्याय स्थापित करें. वंचित, पीड़ितों व गरीबों की आवाज बनें. जहां न्याय की चुनौती हो, वहां अपना साहस दिखाये. न्याय का मार्ग कठिन है, लेकिन यही एक रास्ता भी है. आप संकल्प लेकर अपना ज्ञान निखारें व समाज में न्याय स्थापित करने में अपनी भूमिका का निर्वाह करें. सिर्फ पेशे के लिए वकील नहीं बने, समाज को देने का भाव रखें.

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