Sasaram News : जोखन का शव रख ग्रामीणों ने पांच घंटे तक किया रोड जाम
थाना क्षेत्र के चंदवा गांव में शनिवार की रात अपराधियों की गोली से हुई जोखन साव की हत्या के विरोध में ग्रामीणों ने रविवार को गिरधरियां मोड़ के पास एनएच-19 पर शव को सड़क पर पांच घंटे तक जाम कर दिया.
शिवसागर. थाना क्षेत्र के चंदवा गांव में शनिवार की रात अपराधियों की गोली से हुई जोखन साव की हत्या के विरोध में ग्रामीणों ने रविवार को गिरधरियां मोड़ के पास एनएच-19 पर शव को सड़क पर पांच घंटे तक जाम कर दिया. इससे दोनों लेन में पांच किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लग गयी. ग्रामीण मृतक को इंसाफ व आश्रितों को मुआवजे देने की मांग कर रहे थे. मालूम हो कि गांव के ही शिवपूजन यादव के बेटे कमलेश के भतीजे के बुलाने पर उसका साला और दो मौसेरे भाई उसकी हत्या करने चंदवा पहुंचे थे. जैसे ही कमलेश घर से निकल गांव की एक दुकान पर जाने के लिए निकला कि अपराधी शनिवार की शाम उसपर गोली चलाने लगे, जहां कमलेश को दो गोली लगी. वह गिर गया. इसके बाद अपराधी भागने लगे. ग्रामीण अपराधियों को पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़े. इसी बीच गली से गुजर रहे जोखन साह ने अपराधियों को पकड़ने का प्रयास किया. एक अपराधी ने जोखन के सीने में गोली मार दी, जिसकी इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गयी. हालांकि, ग्रामीणों ने घटना के बाद चार में से दो अपराधियों को पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस ने मृतक जोखन के शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया. इसके बाद रविवार की सुबह ग्रामीण जोखन के शव को सड़क पर रख मृतक के आश्रितों को तत्काल मुआवजा देने की मांग पर अड़ गये. जब मुआवजा पर अधिकारियों से बात नहीं बनी, तो ग्रामीण शव को लेकर गिरधरिया मोड़ पर पहुंच एनएच को जाम कर दिया. थानाध्यक्ष व अंचलाधिकारी प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की. लेकिन, ग्रामीणों ने उनकी एक नहीं सुनी. इसके बाद सूचना पर पहुंचे एसडीएम आशुतोष रंजन व सदर डीएसपी-1 दीलिप कुमार ने मृतक के परिजन को सीओ सिन्हा अभय कुमार से तत्काल 20 हजार रुपये का चेक दिलाया. इसके साथ ही आवास योजना व कबीर अंत्येष्टि का लाभ दिलाने का आश्वासन दिया, तब ग्रामीण सड़क से हटे. जाम छुड़ाने के लिए घंटों मशक्कत करती रही पुलिस : पांच घंटे तक सड़क जाम होने के कारण दोनों लेन में पांच किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लग गयी. इसमें यात्री बस, एंबुलेंस, पर्यटक बस समेत अन्य वाहन घंटों जाम में फंसे रहे. ग्रामीणों को सड़क से हटने के बावजूद करीब तीन से चार घंटे तक पुलिस अधिकारी जाम छुड़ाने के लिए मशक्कत करते रहे. ——— पुलिस अभिरक्षा में दोनों अपराधियों का चल रहा इलाज फोटो-15ए- अस्पताल में पुलिस अभिरक्षा में दोनों गिरफ्तार अभियुक्त सासाराम सदर. शिवसागर के चंदवा गांव में शनिवार की शाम तीन लोगों को गोली मारने के बाद ग्रामीणों के चंगुल में आये अपराधी कृष्णा व अंकित की ग्रामीणों ने जमकर धुनाई कर दी थी, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गये. वह तो गनीमत रही कि सही समय पर पुलिस पहुंच गयी और गांव के कुछ बुद्धिजीवियों के सहयोग से अपराधियों को ग्रामीणों के चंगुल से बाहर निकाला. अभी भी गिरफ्तार दोनों अपराधियों का इलाज पुलिस अभिरक्षा में चल रहा है. पुलिस पदाधिकारियों के अनुसार अभी दोनों की स्थिति खतरे से बाहर है. ———– रिश्तेदारों ने मिलकर मारी कमलेश को गोली, बचाने में गयी जोखन की जान कमलेश व उसके भतीजा चितरंजन में भूत-प्रेत को लेकर कई वर्षों से चल रहा विवाद कमलेश को मारने के लिए भतीजे ने ही साला और दो मौसेरे भाइयों को बुलाया था चंदवा सासाराम सदर/शिवसागर कमलेश यादव और उसका भतीजा चितरंजन यादव में भूत-प्रेत के मामले को लेकर कई वर्षों से विवाद चल रहा था. इसको लेकर पूर्व में कई बार पंचायती भी हुई थी. पंचायती के दौरान भी चितरंजन ने कमलेश को गोली मारने की धमकी दी थी. चितरंजन को यह लग रहा था कि कमलेश द्वारा किये गये भूत प्रेत के कारण ही उसका बच्चा नहीं हो रहा है. इससे वह पहले से ही तनाव में रहता था और कमलेश को इसका जिम्मेदार मानता था. वह पहले से ही कमलेश को मारने के लिए योजना बना रहा था. इसी बीच चितरंजन की पत्नी का प्रसव होने वाला था और शनिवार को उसका बच्चा खराब हो गया. इस पर वह और उतावला हो गया और अपने साला करगहर थाना क्षेत्र के रुपैठा गांव निवासी कृष्ण कुमार, मौसेरा भाई चिलबिली गांव निवासी अंकित और मचनडीह के एक अन्य मौसेरा भाई को कमलेश की हत्या करने के लिए चंदवा गांव बुलाया. सभी अपराधी शाम से ही कमलेश के घर से सौ मीटर दूरी पर रेकी कर रहा था, जैसे ही कमलेश घर से बाहर निकला पहले से घात लगाये अपराधियों ने उसपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इससे कमलेश घायल हो गया और भगदड़ मच गयी. वहां चिलाने की आवाज सुन जोखन गली में दौड़ा, जो अपराधियों की गोली का शिकार हो गया. ————— चंदवा गांव से अब तक नहीं बच सके हैं अपराधी सासाराम सदर/शिवसागर चंदवा गांव में पहुंचे अब तक एक भी अपराधी नहीं बच पाये हैं. वर्ष 1987 में रोहतास व कैमूर जिला में आतंक का पर्याय बना अपराधी ददवा भी चंदवा गांव में डकैती के लिए पहुंचा था. उसको ग्रामीणों ने पिटाई कर पुलिस को सौंपा था. इसके बाद थाने में ददवा की मौत हो गयी थी. वर्ष 1990 में करीब एक दर्जन के आस-पास डकैतों ने चंदवा गांव के लोगों को घेर लिया था, जो ग्रामीणों की तत्परता से पुलिस के हत्थे चढ़ गये थे. चंदवा में शनिवार को हुई गोलीबारी की तीसरी अपराधिक घटना थी. इसमें ग्रामीणों ने दो अपराधियों को दबोच लिया. हालांकि, इसमें गांव के जोखन साह को अपनी जान गंवानी पड़ी. —————— एफएसएल की टीम ने घटनास्थल से लिया सैंपल सासाराम सदर. चंदवा गांव में शनिवार को गोलीबारी में हुई जोखन साह की हत्या के बाद एफएसएल की टीम घटनास्थल पर पहुंची. वहां घटनास्थल पर गिरा मृतक का ब्लड सैंपल लिया और बरामद गोली के खोखे को अपने साथ ले गयी. ——————- अपराधियों से पूछताछ के बाद एसपी पहुंचे चितरंजन के घर चंदवा फोटो-15बी- चंदवा गांव में रोते बिलखते परिजन प्रतिनिधि, शिवसागर थाना क्षेत्र के चंदवा गांव में शनिवार की देर शाम घटना में जख्मी अपराधियों से पूछताछ कर एसपी रौशन कुमार रात करीब एक बजे चंदवा गांव में कमलेश यादव के भतीजे चितरंजन के घर पहुंचे. वहां घर का दरवाजा नहीं खोलने पर दरवाजा तोड़ पुलिस घर में प्रवेश किया. पुलिस चितरंजन के पिता सत्येंद्र यादव व मां से पूछताछ की. इसके बाद घर के मोबाइलों को अपने कब्जे में ले लिया. एसपी ने जख्मी कमलेश यादव के घर भी गये. वहां उसके पिता शिवपूजन यादव से पूछताछ की. घटना के संबंध में शिवपूजन यादव ने बताया कि मेरे नाती चितरंजन ने झाड़-फूंक के मामले में हमारे छोटे बेटे कमलेश यादव को अपने साले और साले के मौसेरे भाइयों के साथ मिल कर घटना को अंजाम दिया है. इससे पहले भी झाड़ फूंक के मामले में पंचायती हुई थी, जिसे हम लोग भूल गये थे. इस तरह की घटना की थोड़ी भी उम्मीद नहीं थी. इधर, ग्रामीणों के अनुसार चितरंजन की शादी करगहर थाना क्षेत्र के रूपैठा गांव निवासी सुरेंद्र सिंह की बेटी से हुई थी. चितरंजन की पत्नी की तबीयत खराब होने पर अपने चाचा कमलेश यादव से झाड़ फूंक कराया था. इसके बाद भी तबीयत ठीक नहीं होने पर वह दूसरे ओझा के पास गया था, जिसने शायद कमलेश यादव पर ही भूत करने का आरोप लगा दिया था. इसी बीच चितरंजन की पत्नी का गर्भ बेकार हो गया, जिससे वह नाखुश था. शायद इसी खुन्नस में उसने हत्या का षडयंत्र रचा था.
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