शेखर को मिला अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान

डी-4प्रशस्ति-पत्र, मोमेंटो व 21 हजार नकद से नवाजा गया हिमांक और क्वथनांक पुस्तक के लिए लेखक सम्मानित उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरइस वर्ष का अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान पूर्वी कुमाऊं के

By Vinay Kumar | December 7, 2025 7:21 PM

डी-4

प्रशस्ति-पत्र, मोमेंटो व 21 हजार नकद से नवाजा गया

हिमांक और क्वथनांक पुस्तक के लिए लेखक सम्मानित

उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर

इस वर्ष का अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान पूर्वी कुमाऊं के गंगोलीहाट निवासी पर्वतारोही लेखक शेखर पाठक को दिया गया. मिठनपुरा स्थित होटल में समारोह के दौरान अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति समिति ने उन्हें मोमेंटो, प्रशस्ति पत्र सहित 21 हजार की सम्मान राशि दी उन्हें यह सम्मान उनकी पुस्तक हिमांक और क्वथनांक के बीच के लिए दिया गया. इनका चुनाव चयन समिति के अध्यक्ष वीर भारत तलवार ने किया था. समारोह के मुख्य वक्ता डॉ कौशल कुमार मधुकर ने कहा कि शेखर ने उत्तराखंड के हर गांव को जाना और जो भी हासिल किया, उसे समाज को वापस कर दिया. हिमांक से क्वथनांक पुस्तक की खासियत है कि यह अपने साथ चलने पर मजबूर कर देती है. यह पुस्तक केवल यात्रा नहीं, सामाजिक व आर्थिक यात्रा के अतीत को भी खोलती है. इससे पूर्व समिति के अध्यक्ष डॉ रविंद्र रवि ने अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि खड़ी बाेली के प्रणेता अयोध्या प्रसाद खत्री पर जितना काम होना चाहिये, वह नहीं हुआ.

उत्तराखंड से बिहार का साहित्य, संस्कृति व धर्म का संबंध

लेखक शेखर ने बिहार और उत्तराखंड के रिश्तों को लेखन, धर्म सहित विभिन्न माध्यम से रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि बुद्ध, महावीर, अशोक के साथ तीर्थ यात्रा दोनों प्रदेशों को आपस में जोड़ती है. तीर्थ यात्रा के कारण बिहार के लोगाें के नाम गंगा, बदरी व जमुना के नाम पर हुआ करते थे. उन्होंने साहित्य और पत्रकारिता के लिहाज से भी उत्तराखंड और बिहार के आत्मीय संबंधों को रखा. कार्यक्रम को वीर भारत तलवार ने भी ऑनलाइन संबोधित किया. अध्यक्षता कर रहे किशन कालजयी ने कहा कि शेखर सिर्फ विचारों की बात नहीं करते, बल्कि उसे जीते हैं. वह पहाड़ की सांसों की बात करते हैं. समिति के संयोजक वीरेन नंदा ने कहा कि अयोध्या प्रसाद खत्री स्मृति सम्मान वर्ष 2008 से दिया जा रहा है. अब तक यह सम्मान कृष्ण बलदेव वैद्य, तद्भव के संपादक अखिलेश, शेखर जोशी, डॉ तुलसीराम, डॉ रोज केरकेट्टा, अनिल यादव, सुधीर विद्यार्थी, डॉ विनय, समायांतर पत्रिका के संपादक पंकज बिष्ट, वाल्टर भेंगरा तरुण, निदा नवाज, जोराम यालाम, सुरेंद्र मनन, कमलेश वर्मा व सुचिता वर्मा, नवीन जोशी व शेखर पाठक को दिया गया है. धन्यवाद ज्ञापन कामेश्वर प्रसाद दिनेश ने किया.

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