साहित्य अकादमी के कार्यक्रम में भावना का बज्जिका में प्रतिनिधित्व
दीपक 21 पहली बार साहित्य अकादमी ने बहुभाषी कवि सम्मेलन में बज्जिका को दी जगह उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर साहित्य अकादमी की ओर से पटना में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक उत्सव में
दीपक 21 पहली बार साहित्य अकादमी ने बहुभाषी कवि सम्मेलन में बज्जिका को दी जगह उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर साहित्य अकादमी की ओर से पटना में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक उत्सव में डॉ भावना ने बज्जिका भाषा का प्रतिनिधित्व किया. यहां आयोजित मौलिक स्वर बहुभाषी कवि सम्मेलन में डॉ भावना ने बज्जिका में कविता पाठ किया. ऐसा पहली बार हुआ है जब बज्जिका को क्षेत्रीय भाषा के तौर पर साहित्य अकादमी ने जगह दी है. सभी रचनाकारों ने मूल भाषा में कविता पाठ किया. इसके बाद हिंदी में उसका रूपांतरण भी प्रस्तुत किया, ताकि लोग समझ सकें. कार्यक्रम की अध्यक्षता जय प्रकाश कर्दम ने की. मौके पर अंगिका भाषा से अमरेंद्र, चौधरी से मानसिंह भाई चौधुरी, देउरी से सरणुन देउरी, हिंदी से यशवंत वीरोदेय, कार्वी से ओन तेरोन, किन्नौरी से स्नेहलता नेगी, माओ से के निपुनी माओ, मैतेइलोन से शांतालेबी लिशाम और नेपाली से नरेश क्षेत्रीय ने कविता पाठ किया. डॉ भावना ने बताया कि उन्होंने बज्जिका में अपनी तीन कविताएं सुनायीं. साहित्य अकादमी की सूची में बज्जिका को शामिल किया जाना खुशी की बात है. बज्जिका भाषा में लिखे साहित्य को स्थापित करने के लिए यह जरूरी कदम था. बज्जिका भाषा के विकास में लगे सभी साहित्यकारों को इससे ऊर्जा मिलेगी.
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