Rourkela News: बंडामुंडा–राउरकेला मुख्य मार्ग पर उड़ रही धूल से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ी
Rourkela News: बंडामुंडा-राउरकेला मुख्य मार्ग पर एनएच-320डी के चौड़ीकरण के कार्य ने इन दिनों लोगों की परेशानी कई गुना बढ़ा दी है. स्थिति यह है कि डी-केबिन, सी सेक्टर, बी
Rourkela News: बंडामुंडा-राउरकेला मुख्य मार्ग पर एनएच-320डी के चौड़ीकरण के कार्य ने इन दिनों लोगों की परेशानी कई गुना बढ़ा दी है. स्थिति यह है कि डी-केबिन, सी सेक्टर, बी सेक्टर, ए सेक्टर और तिलकानगर मुख्य सड़क पर भारी वाहनों के गुजरते ही धूल का ऐसा बादल उठता है कि कुछ क्षणों के लिए सड़क पूरी तरह धुंधली दिखायी देने लगती है. धूल भरी इस सड़क से होकर निकलना राहगीरों, खासकर बाइक और साइकिल चालकों के लिए किसी जोखिम से कम नहीं. भारी वाहनों के पीछे चल रहे लोगों को आगे की सड़क तक साफ नजर नहीं आती, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है.
नियमित पानी का छिड़काव करने की हो रही मांग
इस मार्ग से प्रतिदिन गुजरने वाले प्लांटकर्मियों, रेलकर्मियों और राउरकेला में निजी कार्य करने वाले लोगों की मुश्किलें भी बढ़ गयी हैं. लगातार धूल के संपर्क में रहने से उनके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान धूल नियंत्रण को लेकर जिम्मेदार एजेंसियां बिल्कुल लापरवाह हैं. सड़क पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए, जिससे धूल नियंत्रित रहे, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है. लोगों ने मांग की है कि निर्माण कार्य के दौरान दिन में दो से तीन बार व्यवस्थित तरीके से पानी का छिड़काव कराया जाये, ताकि धूल का यह कहर थमे और दुर्घटनाओं की आशंका कम हो. स्थानीय जनता अब प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर राहत देने की उम्मीद कर रही है.
बंडामुंडा रेलवे कॉलोनियों की जर्जर सड़कें बनीं परेशानी का सबब
रेलनगरी बंडामुंडा की रेलवे कॉलोनियों की सड़कें इन दिनों बदहाल हैं. जगह-जगह उखड़ चुकी सड़कों पर बिखरी गिट्टियों के कारण राहगीरों के फिसलकर गिरने की संभावना बनी रहती है. इसके बावजूद रेलवे प्रशासन की नजर अब तक इस गंभीर समस्या पर नहीं पड़ी है. इन सड़कों से रोजाना रेलकर्मियों के बच्चे स्कूली बसों से सफर करते हैं. वहीं रेल कर्मचारी और स्थानीय लोग भी इसी जर्जर मार्ग से होकर गुजरने को विवश हैं. सड़कों पर बने गहरे गड्ढे किसी भी समय बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं. कॉलोनीवासियों का कहना है कि सड़क से गुजरते वाहनों के कारण उठने वाली धूल ने उनका जीना मुश्किल कर दिया है. यह हवा न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि घरों तक में धूल की परतें जम जाती हैं. रेलवे यूनियन के प्रतिनिधियों ने कई बार रेल के उच्च अधिकारियों से सड़कों की मरम्मत के लिए गुहार लगायी है. इसके अलावा रेलवे कॉलोनी की सड़कों को दुरुस्त करने का प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
