बेटी के समक्ष पत्नी की हत्या के आरोपी को आजीवन करावास
बुधवार को उसकी सजा की घोषणा की गयी. मामले में सरकारी वकील श्यामलकांति दत्ता ने कहा कि हत्या के मामले में दोषी को पांच हजार रुपये के जुर्माने के साथ सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी.
बारासात. बारासात कोर्ट ने आठ साल पहले बेटी के सामने उसकी मां की जलाकर हत्या के एक पुराने मामले में पिता को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी. इस मामले में नाबालिग बेटी की गवाही के आधार पर अदालत ने पिता को दोषी ठहराया. दोषी पिता का नाम रिपन दास (37) है. लंबे समय तक मामला चलने के बाद बारासात फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश पराग नियोगी ने मंगलवार को रिपन को दोषी ठहराया. बुधवार को उसकी सजा की घोषणा की गयी. मामले में सरकारी वकील श्यामलकांति दत्ता ने कहा कि हत्या के मामले में दोषी को पांच हजार रुपये के जुर्माने के साथ सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. महिला को प्रताड़ित करने के मामले में उसे तीन साल की कैद और एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी गयी. इतने सालों बाद 16 साल की बेटी को अपनी मां की हत्या के मामले में दोषी पिता को सजा मिलने से कुछ राहत मिली. इस मामले में 18 गवाहों में से एक मृतका की बेटी थी.
रिपन दास मध्यमग्राम के नंदनकानन बेलतला का निवासी है. मृत महिला का नाम पिंकी दास (रिपन की पत्नी) है. गत 11 अप्रैल, 2017 को पिंकी ने अपने पति से घर में रसोई गैस खत्म होने पर सिलेंडर लाने को कहा था, लेकिन रिपन ने उसकी बात नहीं मानी. इससे दोनों के बीच अनबन हुई. आरोप है कि रिपन ने रात में शराब पीकर आया और फिर झगड़ा करते हुए पत्नी की पिटाई की. फिर केरोसिन तेल छिड़कर उसे आग लगा दी.
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