नीलामवाद के बढ़े केस बता रहे, वाद नहीं निपटते
नीलामवाद के बढ़े केस बता रहे, वाद नहीं निपटते
राजस्व पर्षद के सचिव ने जतायी आपत्ति
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरघटने के बजाय नीलामवाद के मामले बढ़ते जा रहे हैं.इन वादों के निष्पादन की स्थिति बेहतर नहीं है. समीक्षा में यह बात सामने आने पर राजस्व पर्षद के सचिव ने कड़ी आपत्ति जतायी. उन्होंने सभी प्रमंडलीय आयुक्त व डीएम को नीलामवाद के मामलों के निष्पादन में तेजी लाने के लिए कोर्ट की संख्या बढ़ाने को कहा है. जिला से लेकर प्रखंड व अंचल तक कोर्ट की संख्या बढ़ाने की बात कही गयी. समीक्षा के दौरान पता चला कि नीलामपत्र पदाधिकारी निष्पादन में रुचि नहीं ले रहे हैं. इस कारण वसूली भी कम हो रही है. इसपर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है. इसके लिए सभी नीलामपत्र पदाधिकारी अनिवार्य रूप से प्रतिदिन कम से कम एक वाद की समीक्षा करें. तभी लंबित वादों का बोझ कम होगा और बकायदारों से राशि वसूली में तेजी आयेगी.
उन्होंने बताया कि इस वर्ष मई में लंबित वादों की संख्या छह लाख 49 हजार 924 थी, जबकि जून में यह बढ़कर छह लाख 50 हजार 410 हो गयी. इसी प्रकार वसूली की जाने वाली राशि 15 हजार 753 करोड़ रुपये थी, जबकि जून में यह बढ़कर 16 हजार 56 करोड़ रुपये हो गयी. लंबित वादों का निष्पादन करने की गति नये वाद के दर्ज होने की गति से दाेगुनी होनी चाहिये, तभी निष्पादन में तेजी आयेगी.बैंकों की शिथिलता ठीक नहीं
वाद दायर करने के बाद बैंक शिथिल हो जाते हैं जो उचित नहीं. बैंक की जिम्मेदारी है कि सुनवाई के दिन अपने लीगल एडवाइजर के साथ अनिवार्य रूप से भाग लें. इसके अलावा वादों की सुनवाई के क्रम में अगली व पूर्व की तिथि का अंतर 21 दिनों से अधिक नहीं रहे, इसका विशेष रूप से ध्यान रखने का निर्देश दिया गया. सभी प्रमंडलीय आयुक्त व डीएम को इसकी जवाबदेही दी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
