बाईपास निर्माण में देरी पर एनएचआइ ने जताई आपत्ति, सरकारी राजस्व को लाखों का नुकसान
मुख्य संवाददाता, मुजपु्फरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-22 (पुराना रा.रा.-77) के बाईपास निर्माण में हो रही देरी को लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आपत्ति जताई है.परियोजना निदेशक ने इस संबंध में ज़िला
मुख्य संवाददाता, मुजपु्फरपुर
राष्ट्रीय राजमार्ग-22 (पुराना रा.रा.-77) के बाईपास निर्माण में हो रही देरी को लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण आपत्ति जताई है.परियोजना निदेशक ने इस संबंध में ज़िला भू-अर्जन पदाधिकारी को एक पत्र लिखा है, जिसमें इस विलंब के कारण सरकारी राजस्व को हो रहे भारी नुकसान का जिक्र किया गया है. प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि बाईपास निर्माण का काम भू-अर्जन में हो रही देरी के कारण ठप पड़ा है. एक-एक मामले का अलग-अलग प्राक्कलन भेजने की बजाय, सभी बाईपास गांवों का अंतिम प्राक्कलन एक साथ समर्पित करने का निर्देश दिया गया था. ऐसा करने से समय की बचत होती और काम में तेज़ी आती, लेकिन इस निर्देश का पालन नहीं किया गया.लापरवाही से बढ़ रहा सूद का बोझ
अधिकारियों की इस लापरवाही से न केवल परियोजना में विलंब हो रहा है, बल्कि सरकारी खजाने पर भी बोझ बढ़ रहा है. पत्र में बताया गया है कि भू-अर्जन में जितनी देरी होती है, मुआवजे पर सूद की राशि उतनी ही बढ़ती जाती है, जिससे सरकार को लाखों-करोड़ों का नुकसान हो रहा है. यह स्थिति सरकारी संसाधनों के सही उपयोग पर भी सवाल खड़े करती है. परियोजना निदेशक ने ज़िला भू-अर्जन पदाधिकारी से अनुरोध किया है कि सभी संबंधित अधिकारी इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें. सभी गांवों का प्राक्कलन तुरंत समर्पित किया जाए, ताकि समय पर आवश्यक सहमति प्राप्त की जा सके. यह कदम न केवल सड़क निर्माण के कार्य को गति देगा, बल्कि सरकारी राजस्व की क्षति को भी रोकेगा.विकास कार्य ठप, जनता परेशान
इस देरी का सीधा असर स्थानीय जनता पर पड़ रहा है, जो लंबे समय से इस बाईपास के बनने का इंतज़ार कर रही है. एनएचएआइ ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन इस मामले में तत्काल कार्रवाई करेगा और भू-अर्जन का काम जल्द से जल्द पूरा कर परियोजना को पटरी पर लाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
