Vidur Niti: एक गलती जो पलभर में मिटा देती है जीवनभर की कमाई हुई इज्जत
विदुर नीति बताती है कि अभिमान इंसान के पतन का कारण बनता है. सफलता और दौलत के बाद भी विनम्र रहना ही जीवन की सच्ची बुद्धिमानी है.
Vidur Niti: महाभारत के नीति ज्ञाता विदुर ने अपने उपदेशों में जीवन, नैतिकता और व्यवहार से जुड़ी कई बातें कहीं हैं. इन नीतियों को विदुर नीति कहा जाता है. विदुर का मानना था कि सफलता के बाद अहंकार व्यक्ति के विनाश का कारण बनता है. जैसे सौंदर्य के साथ बुढ़ापा आता है, वैसे ही घमंड के साथ पतन भी निश्चित होता है.
Vidur Niti Shlok with Meaning in Hindi: विदुर नीति श्लोक
न राज्यम् प्राप्तमित्येव वर्तितव्यमसाव्रतम्।
श्रियं ह्यनिनयो हन्ति जरा रूपमिवोत्तमम्॥ १२॥
अर्थ
यह सोचकर कि अब तो राज्य (सफलता) प्राप्त हो ही गया, व्यक्ति को अनुचित आचरण नहीं करना चाहिए. क्योंकि उद्दंडता और अभिमान संपत्ति को उसी प्रकार नष्ट कर देते हैं, जैसे बुढ़ापा सुंदर रूप को नष्ट कर देता है.
Vidur Niti: सफलता का अभिमान क्यों है हानिकारक? अभिमान क्यों नहीं करना चाहिए?
विदुर बताते हैं कि जब व्यक्ति सफलता या धन प्राप्त करता है, तो उसके भीतर अक्सर अहंकार जन्म लेता है. यही घमंड धीरे-धीरे उसकी विवेक शक्ति को नष्ट कर देता है. जिस प्रकार सुंदरता पर बुढ़ापा आ जाने से आकर्षण समाप्त हो जाता है, उसी तरह सफलता पर अहंकार आने से व्यक्ति की इज्जत, पहचान और जीवनभर की मेहनत पलभर में राख हो जाती है.
अहंकार व्यक्ति को गलत निर्णय लेने पर मजबूर करता है. वह दूसरों को छोटा और खुद को सर्वोच्च मानने लगता है. लेकिन यही सोच उसके पतन का मार्ग खोल देती है.
विदुर नीति हमें सिखाती है कि सफलता कभी स्थायी नहीं होती. यदि उसमें विनम्रता न हो, तो वही सफलता विनाश का कारण बन जाती है. इसलिए व्यक्ति को सदैव नम्र, संयमी और सत्कर्मों में रत रहना चाहिए.
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1. मनुष्य को अभिमान क्यों नहीं होना चाहिए?
मनुष्य को अभिमान नहीं करना चाहिए क्योंकि अभिमान व्यक्ति की बुद्धि और विवेक को नष्ट कर देता है. जब व्यक्ति घमंड में अंधा हो जाता है, तो वह गलत फैसले लेने लगता है और धीरे-धीरे अपनी प्रतिष्ठा, संबंध और सफलता सब खो देता है.
2. दौलत पाकर अभिमान क्यों नहीं करना चाहिए?
दौलत पाना सौभाग्य की बात है, लेकिन उसका अभिमान करना मूर्खता है. क्योंकि धन स्थायी नहीं होता. जैसे समय बदलता है, वैसे ही संपत्ति भी हाथ से निकल जाती है. इसलिए विदुर नीति के अनुसार धन का उपयोग विनम्रता और सेवा भाव से करना चाहिए.
3. किन चीजों का अभिमान नहीं करना चाहिए?
मनुष्य को अपनी सुंदरता, संपत्ति, बल, बुद्धि और पद का अभिमान नहीं करना चाहिए. ये सब क्षणिक हैं और समय के साथ नष्ट हो जाते हैं. सच्चा मूल्य उसी व्यक्ति का होता है जो विनम्र रहकर कर्म करता है.
4. अहंकार से मनुष्य का क्या नुकसान होता है?
अहंकार व्यक्ति की अच्छाइयों को मिटा देता है. यह उसे दूसरों से दूर कर देता है और समाज में उसकी प्रतिष्ठा खत्म हो जाती है. अहंकारी व्यक्ति कभी लंबे समय तक सफल नहीं रह सकता.
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