Vastu Tips: मेहनत पूरी पर रिजल्ट नहीं! घर की ये छोटी गलती बन रही है आपकी बड़ी रुकावट
Vastu Tips: अगर मेहनत के बावजूद काम समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं और तरक्की की रफ्तार धीमी लग रही है, तो इसके पीछे वास्तु दोष भी वजह हो सकता है. जानें घर की कौन-सी जगह काम में देरी और रुकावट का कारण बनती है और कैसे आसान उपायों से सकारात्मक ऊर्जा वापस लाई जा सकती है.
Vastu Tips: क्या आप हर दिन कड़ी मेहनत करते हैं बावजूद इसके काम समय पर पूरा नहीं हो पा रहे हैं. कई बार अपने जिंदगी के कुछ फैसले लेते हैं लेकिन वह या तो शुरू ही नहीं कर पाते या अटक जाते हैं. बेवजह बार-बार रुकावटें सामने आती हैं, तो इसके पीछे सिर्फ किस्मत या हालात ही जिम्मेदार नहीं होते. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की कुछ खास जगहों में की गई छोटी-सी गलती भी तरक्की की रफ्तार को धीमा कर सकती है. ऐसे में जरूरी है कि समय रहते उन वास्तु संकेतों को समझा जाए, जो रोजमर्रा की जिंदगी में देरी और बाधा का कारण बनते हैं.
वास्तु के अनुसार देरी क्यों होती है?
वास्तु शास्त्र मानता है कि घर में ऊर्जा का प्रवाह अगर सही दिशा में न हो, तो व्यक्ति के काम, सोच और निर्णय क्षमता पर असर पड़ता है. खासकर घर का उत्तर-पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम और मुख्य प्रवेश द्वार अगर अव्यवस्थित हो, तो कामों में टालमटोल और अनचाही देरी बढ़ने लगती है.
घर का मुख्य प्रवेश द्वार
वास्तु के अनुसार घर का मेन गेट ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है. अगर यहां जूते-चप्पल, कबाड़ या टूटी चीजें रखी हों, तो सकारात्मक ऊर्जा अंदर नहीं आ पाती. इसका असर सीधे व्यक्ति के काम और अवसरों पर पड़ता है. कोशिश करें कि मेन गेट हमेशा साफ, रोशनदार और खुला रहे.
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उत्तर दिशा की अनदेखी
उत्तर दिशा को करियर और अवसरों की दिशा माना जाता है. अगर इस दिशा में भारी सामान, अलमारी या कबाड़ रखा हो, तो तरक्की में रुकावट आ सकती है. वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर दिशा को हल्का, साफ और खुला रखना चाहिए.
दक्षिण-पश्चिम कोना को गंदा या खालीपन रखना भी अशुभ
दक्षिण-पश्चिम को स्थिरता और निर्णय क्षमता से जोड़ा जाता है. अगर यह कोने गंदा, खाली या फिर अव्यवस्थित हो, तो व्यक्ति के फैसले कमजोर पड़ते हैं और काम टलते रहते हैं. यहां भारी और स्थिर फर्नीचर रखना शुभ माना जाता है.
घर में फैला कबाड़
कई लोग घर में पुराने अखबार, खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान और टूटे फर्नीचर जमा करके रखते हैं. वास्तु के अनुसार कबाड़ नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे कामों में रुकावट और मानसिक सुस्ती बढ़ती है. समय-समय पर घर से बेकार सामान हटाते रहना जरूरी है.
रोशनी और हवा की कमी
जहां पर्याप्त रोशनी और हवा नहीं होती, वहां ऊर्जा का प्रवाह रुक जाता है. अंधेरे और बंद कमरे व्यक्ति की कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं. इसलिए घर में प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन का ध्यान रखना जरूरी है.
वास्तु से जुड़ी छोटी सलाह
- सुबह घर के मुख्य दरवाजे पर हल्का पानी छिड़कें
- उत्तर दिशा में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें
- टूटी घड़ी और खराब बल्ब तुरंत बदलें
