Shaheed Diwas 2024: आज ही के दिन दी गई थी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी, जानें तय तारीख से एक दिन पहले ही क्यों दी गई ये सजा

Shaheed Diwas 2024: भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इनको को 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल के भीतर ही फांसी दे दी गई.

By Shaurya Punj | March 23, 2024 11:56 AM

Shaheed Diwas 2023: अंग्रेजों ने फांसी की सजा सुनाई लेकिन तय तारीख से एक दिन पहले यानी 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी थी. आज शहीद क्रांतिकारी भगत सिंह की पुण्यतिथि है.

जानें क्यों दी गई थी भगत सिंह को फांसी

भगत सिंह ने देश को आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने 1928 में लाहौर में एक ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. भारत के तत्कालीन वायसरॉय लॉर्ड इरविन ने इस मामले पर मुकदमे के लिए एक विशेष ट्राइब्यूनल का गठन किया, जिसने तीनों को फांसी की सजा सुनाई. तीनों को 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल के भीतर ही फांसी दे दी गई. इस मामले में सुखदेव को भी दोषी माना गया था.

जानें कहां दी गई थी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी

23 मार्च को मनाया जाने वाला शहीद दिवस, उस दिन को चिह्नित करता है जब भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को ब्रिटिश सरकार ने ‘नाटकीय हिंसा’ के कृत्यों और भारतीय स्वतंत्रता के संघर्ष में उनकी भूमिका के लिए मार डाला था. तीनों को 23 मार्च को पाकिस्तान स्थित लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई. देश के प्रति उनके योगदान को आज भी सम्मानित किया जाता है, और पीढ़ी दर पीढ़ी उनके बलिदानों पर ग्रंथों, कहानियों, फिल्मों, नाटकों आदि के माध्यम से शिक्षित किया जाता है.

एक दिन पहले ही दे दी गई थी भगत सिंह को फांसी

केंद्रीय असेंबली में बम फेंकने के जिस मामले में भगत सिंह को फांसी की सजा हुई थी उसकी तारीख 24 मार्च तय की गई थी. लेकिन इस दिन को अंग्रेजों के उस डर के रूप में भी याद किया जाना चाहिए, जिसके चलते इन तीनों को 11 घंटे पहले ही फांसी दे दी गई थी. फांसी पर जाते समय भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू तीनों मस्ती से गा रहे थे.

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