Sadhguru: सद्गुरु ने बताया सिगरेट और शराब छोड़ने का आसान तरीका

Sadhguru ने बताया शांभवी मुद्रा से सिगरेट और शराब जैसी आदतों को छोड़ने का आसान और प्रभावी तरीका.

By Pratishtha Pawar | September 14, 2025 12:13 PM

Sadhguru: योग गुरु और आध्यात्मिक मार्गदर्शक सद्गुरु हमेशा से लोगों को जीवन में संतुलन और सुख की ओर मार्गदर्शन करते आए हैं. हाल ही में सद्गुरु ने एक ऐसी शक्तिशाली योगिक प्रक्रिया शांभवी मुद्रा” के बारे में बताया है, जो न केवल मानसिक शांति देती है बल्कि सिगरेट और शराब जैसी आदतों को छोड़ने में भी मददगार साबित हो सकती है.

यह तरीका सरल और प्रभावी है, जिसे अभ्यास करने से व्यक्ति तुरंत आनंद और उत्साह का अनुभव करता है.

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सद्गुरु ने कहा कि सिगरेट और शराब जैसी आदतें अक्सर मानसिक तनाव और शरीर की ऊर्जा के असंतुलन के कारण पैदा होती हैं. इन आदतों को छोड़ने के लिए केवल इच्छाशक्ति ही पर्याप्त नहीं होती. इसके लिए शारीरिक और मानसिक ऊर्जा का संतुलन जरूरी है.

सद्गुरु के अनुसार, इस मुद्रा के अभ्यास से शरीर और मन में ऊर्जा का प्रवाह संतुलित होता है, जिससे नकारात्मक आदतों का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो जाता है.

शाम्भवी मुद्रा (Shambhavi Mudra)

Shambhavi mudra
  • ध्यान के आसन में सीधे बैठें.
  • हाथों को घुटनों पर रखें (चिन मुद्रा या ज्ञान मुद्रा).
  • सामने किसी बिन्दु पर दृष्टि टिकाएँ.
  • धीरे-धीरे भृकुटि (भौंहों के बीच) पर ध्यान केन्द्रित करें.
  • सिर स्थिर रखें और विचारों को रोककर ध्यान करें.

विधि

समय

  • शुरुआत में कुछ देर करें.
  • धीरे-धीरे अभ्यास का समय बढ़ाए.

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Benefits of Shambhavi Mudra: शांभवी मुद्रा के लाभ सिगरेट और शराब छोड़ने में

  1. यह मुद्रा मानसिक तनाव को दूर करती है और मन को स्थिर बनाती है.
  2. शरीर के ऊर्जा केंद्रों को सक्रिय और संतुलित करती है, जिससे नकारात्मक प्रवृत्तियों का प्रभाव कम होता है.
  3. 21 मिनट के अभ्यास से व्यक्ति को ऐसा आनंद मिलता है जो किसी भी बाहरी सुख से कहीं अधिक गहरा होता है.
  4. यह अभ्यास मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है और विचारों को सकारात्मक दिशा में मोड़ता है.
  5. नियमित अभ्यास से सिगरेट और शराब जैसी आदतों पर नियंत्रण पाया जा सकता है और व्यक्ति स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ता है.

सद्गुरु के इस उपदेश के अनुसार, शांभवी मुद्रा केवल एक योगिक अभ्यास नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक और मानसिक विकास का माध्यम भी है. उन्होंने बताया कि यदि इसे नियमित रूप से किया जाए तो जीवन में स्थायी परिवर्तन संभव है और व्यक्ति नकारात्मक आदतों से मुक्त होकर सच्चे आनंद का अनुभव कर सकता है.

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