Parenting Tips: स्ट्रेस और प्रेशर में आकर कहीं गलत कदम न उठा लें बच्चे, इस तरह थामें उनका हाथ और बढ़ाएं उनकी हिम्मत

Parenting Tips: स्ट्रेस और प्रेशर जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन बच्चों को इन्हें सही ढंग से मैनेज करना सिखाना पेरेंट्स की जिम्मेदारी है. जब बच्चे खुद को समझे गए, सपोर्टेड और मोटिवेटेड महसूस करते हैं तो वे हर परिस्थिति का डटकर सामना कर सकते हैं.

By Saurabh Poddar | August 17, 2025 4:49 PM

Parenting Tips: आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी स्ट्रेस और प्रेशर महसूस करने लगे हैं. पढ़ाई, कम्पटीशन, सोशल मीडिया और पेरेंट्स की उम्मीदें, ये सब बच्चों पर बोझ डाल देती हैं. अगर बच्चों को समय पर सही तरीके से स्ट्रेस और प्रेशर से डील करना नहीं सिखाया जाए तो यह उनकी हेल्थ और कॉन्फिडेंस पर बुरा असर डाल सकता है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि बच्चे स्ट्रेस और प्रेशर में आकर गलत कदम भी उठा लेते हैं. अगर आप नहीं चाहते हैं कि आपके बच्चे ऐसा करें तो यह आपका ही फर्ज है कि बच्चे को सही और पॉजिटिव तरीके से इन हालातों से निपटना सिखाएं. आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चे को हर तरह के स्ट्रेस और प्रेशर को हैंडल करना आसानी से सिखा पाएंगे. तो चलिए इनके बारे में जानते हैं विस्तार से.

बच्चों की बातें ध्यान से सुनें

अगर आप नहीं चाहते हैं कि आपका बच्चा स्ट्रेस और प्रेशर महसूस करे तो सबसे पहले उसे यह महसूस कराएं कि आप उसकी बातें सुनने के लिए हमेशा तैयार हैं. जब बच्चे अपनी दिक्कतें बताते हैं तो उन्हें टोकें नहीं, बल्कि पेशेंस से सुनें. जब आप ऐसा करेंगे तो उन्हें लगेगा कि उनके इमोशन्स की वैल्यू है और वे इस सिचुएशन में अकेले नहीं हैं.

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तुलना करने से बचें

अक्सर पैरेंट्स अनजाने में बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करने लगते हैं. आपके ऐसा करने से बच्चे अंदर ही अंदर प्रेशर महसूस करने लगते हैं और उनका कॉन्फिडेंस कम होता चला जाता है. बच्चों को यह समझाएं कि हर इंसान की कैपेसिटी अलग होती हैं और उन्हें सिर्फ अपना बेस्ट परफॉर्म करना है.

स्ट्रेस को एक्सप्रेस करना सिखाएं

बच्चों को सिखाएं कि स्ट्रेस और प्रेशर को मन में दबाकर या फिर छुपाकर रखना ठीक नहीं है. अपने बच्चों से कहें कि वे अपने मन की बातों को लिखें, ड्रॉइंग बनाएं या आपसे शेयर करें. इससे उनका मन हल्का होगा और सोचने-समझने की कैपेसिटी भी बेहतर होगी.

रूटीन में बैलेंस लाएं

अगर बच्चों पर सिर्फ पढ़ाई का प्रेशर होगा तो वे और ज्यादा स्ट्रेस में आ सकते हैं. इसलिए उनके रूटीन में स्पोर्ट्स, हॉबीज और आराम करने के लिए समय जरूर शामिल करें. यह बैलेंस उन्हें स्ट्रेस से बाहर आने में मदद करेगा और जीवन से प्रेशर को भी कम करेगा.

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पॉजिटिव थिंकिंग डेवलप करें

बच्चों को हमेशा पॉजिटिव थिंकिंग रखने के लिए मोटिवेट करें और साथ ही उन्हें यह भी सिखाएं कि हर परेशानी का कोई न कोई हल होता है. छोटी-छोटी सक्सेस को सेलिब्रेट करें और उन्हें यह महसूस कराएं कि मेहनत हमेशा रंग लाती है.

रिलैक्सेशन और मेडिटेशन

अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चों में स्ट्रेस और प्रेशर का असर न हो और वे उसे आसानी से हैंडल कर लें तो ऐसे में आपको उन्हें आसान सी ब्रिदिंग एक्सरसाइज, मेडिटेशन या फिर योगा कराना सिखाना चाहिए. यह उनकी मेंटल पीस के लिए बहुत फायदेमंद होगा और स्ट्रेस कम करने में मदद करेगा.

खुद एग्जाम्पल बनें

बच्चे वही सीखते हैं जो वे अपने पैरेंट्स को करते हुए देखते हैं. अगर आप हर छोटी-बड़ी बात पर खुद स्ट्रेस लेने लगेंगे तो बच्चे भी वैसा ही करेंगे. इसलिए खुद शांत और बैलेंस्ड रहकर बच्चों के लिए सही रोल मॉडल बनें. जब आप ऐसा करते हैं तो आपके बच्चे भी ठीक ऐसे ही बनते हैं.

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