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Mahashivratri vs Shivratri: क्या है शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर? यहां जानें

Mahashivratri 2025: अगर आप शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के बीच का अंतर नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको इसके बीच का खास अंतर पता चलने वाला है. तो चलिए जानते हैं विस्तार से.

By Saurabh Poddar | February 21, 2025 12:59 PM
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Mahashivratri vs shivratri difference: महाशिवरात्रि का महान पर्व आने वाला है. इस बार यह त्योहार 26 फरवरी को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान शिव की पूजा बहुत धूम धाम से की जाती है. फिर काशी हो या देवघर हर जह भक्तों की अपार भीड़ उमड़ पड़ती है. भगवान शिव की पूजा के लिए प्रत्येक दिन पवित्र माना जाता है, लेकिन सावन मास, सोमवार, शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का विशेष धार्मिक महत्व है. महाशिवरात्रि के साथ ही शिवरात्रि का दिन भी भगवान शिव को समर्पित है. यह दिन भी भक्तों के लिए बेहद खास होता है जब वे शिव की पूजा अर्चना करते हैं. इन दोनों दिनों का अपना महत्व है. तो आइये जानें की शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में आखिर क्या अंतर हैं.

शिवरात्रि क्या है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, शिवरात्रि प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है, जो भगवान शिव के भक्तों के लिए एक पवित्र और महत्वपूर्ण दिन है. यह दिन भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है. विशेष रूप से, सावन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि को बड़ी शिवरात्रि कहा जाता है. ऐसी मान्यता है की इसी दिन भगवान शिव ने हलाहल विष को अपने कंठ में धारण किया था, जो की भगवान शिव की शक्ति और उनके भक्तों के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक है. प्रत्येक माह में आने के कारण, शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है, जो भगवान शिव के भक्तों के लिए एक नियमित और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है.

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महाशिवरात्रि क्या है?

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है, जो हिंदू धर्म में एक खास त्योहार है. पौराणिक कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि की रात को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए इसकी याद में विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं. महाशिवरात्रि के पर्व को हिंदू धर्म में सबसे बड़ा और सबसे पवित्र पर्व माना जाता है, जिसके व्रत के करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है. महाशिवरात्रि के रात को जागरण करना बहुत फलदायी होता है क्योंकि यह रात शिव और शक्ति की मिलन की रात होती है. इसके साथ ही इस दिन भक्त उपवास भी रखते हैं जिससे उनकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है. इनपुट: शुभ्रा लक्ष्मी


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