करवा चौथ व्रत हो या फिर कोई भी उपवास, इतने सारे साइंटिफिक फायदे जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान!

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ को लोग सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण मानते हैं. लेकिन यह त्योहार सिर्फ पति की लंबी उम्र के लिए ही नहीं, बल्कि साइंस की नजर से भी यह व्रत शरीर और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. जानिए चांद और छलनी के साथ व्रत रखने के स्वास्थ्य लाभ.

By Sameer Oraon | October 3, 2025 6:17 PM

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ को बहुत सारे लोग धार्मिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण मानते हैं. लोगों की ऐसी मान्यता है कि यह त्योहार केवल घर की सुख, समर्द्धि और पति के लंबी उम्र की कामना के लिए की जाती है. लेकिन क्या यह सिर्फ यहीं तक सीमित है? नहीं. साइंस के नजरिये से देखें तो यह धार्मिक परंपरा के साथ साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. साइंस की मानें तो व्रत रखना शरीर को डिटॉक्स करने और मानसिक शांति पाने का एक बेहतर तरीका है. महिलाएं इस दिन सूर्योदय से लेकर चांद निकलने तक बिना अन्न-जल के व्रत रखती हैं.

डिटॉक्स और पाचन शक्ति में सुधार

करवा चौथ ही नहीं व्रत रखने से शरीर को लगातार भोजन पचाने की प्रक्रिया से आराम मिलता है. इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं. आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से डाइजेशन बेहतर होता है.

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वजन नियंत्रण और मेटाबॉलिज्म

लंबे समय तक उपवास रखने से कैलोरी बर्न होती है और मेटाबॉलिज्म एक्टिव रहता है. इंटरमिटेंट फास्टिंग के रिसर्च बताते हैं कि नियमित उपवास से वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है.

इम्युनिटी मजबूत होती है

व्रत रखने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी कि इम्युनिटी भी मजबूत होती है. रिसर्च में पाया गया है कि समय-समय पर किया गया उपवास उम्र लंबी करने और कई बीमारियों से बचाने में सहायक होता है. यानी करवा चौथ का व्रत केवल परंपरा नहीं बल्कि विज्ञान और स्वास्थ्य दोनों से जुड़ा हुआ है. इसलिए इसे महिलाओं की आस्था का त्योहार मानने के साथ-साथ हेल्थ बेनिफिट्स को भी समझना जरूरी है.

मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

व्रत न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर है बल्कि यह मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है. अमेरिकन मीडिया ऑर्गेनाइजेशन साइकोलॉजी टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि व्रत इंसान को मानसिक रूप से मजबूत बनाता है. उपवास से मन में धैर्य, संयम और सकारात्मकता आती है. साथ ही परिवार और रिश्तों में भावनात्मक जुड़ाव भी गहरा होता है.

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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.