Jitiya Vrat 2025: जितिया पर्व पर मड़ुआ के आटे का हलवा क्यों है बेहद खास? जानिए महत्व व स्वादिष्ट रेसिपी
Jitiya Vrat 2025: मड़ुआ (रागी) के आटे का हलवा जितिया व्रत की परंपरा में विशेष स्थान रखता है. यह ना केवल पौष्टिक और सुपाच्य होता है, बल्कि इसमें छिपा होता है परंपरा, श्रद्धा और मातृत्व का प्रेम. देसी घी, गुड़ और सूखे मेवों से बना यह हलवा शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है और व्रत के बाद शरीर को पोषण प्रदान करता है.
Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत, जिसे जीवित पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है, एक ऐसा पर्व है जिसमें माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्ध जीवन के लिए कठिन उपवास करती हैं. इस व्रत के पारण (व्रत तोड़ने) के समय जो भोजन किया जाता है, वह न केवल स्वादिष्ट होना चाहिए, बल्कि शरीर को ऊर्जा देने वाला और सात्विक भी होना चाहिए. मड़ुआ (रागी) के आटे का हलवा जितिया व्रत की परंपरा में विशेष स्थान रखता है. यह ना केवल पौष्टिक और सुपाच्य होता है, बल्कि इसमें छिपा होता है परंपरा, श्रद्धा और मातृत्व का प्रेम. देसी घी, गुड़ और सूखे मेवों से बना यह हलवा शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है और व्रत के बाद शरीर को पोषण प्रदान करता है. सादगी में बसी मिठास और स्वास्थ्य से भरपूर मड़ुआ का हलवा जितिया की पूजा को पूर्णता देता है.
क्या है अहमियत
- सात्विक और पाचक:
मड़ुआ का आटा सात्विक भोजन की श्रेणी में आता है, जो व्रत के दौरान पाचन के लिए हल्का और शरीर को ऊर्जा देने वाला होता है. - ऊर्जा से भरपूर:
जितिया व्रत में महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं, इसलिए व्रत के पारण (अगले दिन व्रत खोलने) पर ऐसा भोजन जरूरी होता है जो शरीर को तुरंत पोषण दे. मड़ुआ का हलवा इसमें बहुत सहायक होता है. - परंपरागत महत्व:
बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश की पारंपरिक रसोई में मड़ुआ का उपयोग विशेष व्रतों और लोक-त्यौहारों में होता आया है. जितिया में इसे शुभ और शुद्ध माना जाता है. - स्वास्थ्यवर्धक:
मड़ुआ में आयरन, कैल्शियम, फाइबर और अमीनो एसिड की भरपूर मात्रा होती है, जो खासकर महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी होती है.
मड़ुआ के आटे का हलवा बनाने की सामग्री
- मड़ुआ (रागी) का आटा – 1 कप
- देसी घी – 3 से 4 टेबलस्पून
- गुड़ – 3/4 कप (स्वादानुसार, कद्दूकस किया हुआ या टुकड़ों में)
- पानी – 2 कप
- सूखे मेवे – कटे हुए (काजू, बादाम, किशमिश)
- इलायची पाउडर – 1/2 टीस्पून
बनाने की विधि:
- गुड़ का पानी तैयार करें
- एक पैन में 2 कप पानी गरम करें, उसमें गुड़ डालें और पिघलने दें.
- जब गुड़ पूरी तरह घुल जाए, तो छान लें और अलग रखें.
- आटे को भूनें
- एक कढ़ाही में घी गरम करें.
- उसमें मड़ुआ का आटा डालकर मध्यम आंच पर भूनें जब तक कि रंग थोड़ा गहरा हो जाए और खुशबू आने लगे (लगभग 6-8 मिनट).
- गुड़ का पानी मिलाएं
- अब इसमें धीरे-धीरे गुड़ वाला पानी डालें और लगातार चलाते रहें ताकि गुठलियां न पड़ें.
- आंच धीमी रखें और मिश्रण को पकने दें.
- सूखे मेवे और इलायची डालें
- जब हलवा गाढ़ा हो जाए, तो कटे हुए मेवे और इलायची पाउडर डालें.
- अच्छी तरह मिलाएं और 2-3 मिनट और पकाएं.
- गर्मागर्म परोसें
- हलवा तैयार है. इसे व्रत के पारण में या भोजन के रूप में खाया जाता है.
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