Chanakya Niti: कैसा होता है उनका अंजाम जो डालते हैं पराई स्त्री और पराए धन पर नजर? आचार्य चाणक्य से जानें दुखद अंत

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपने समय में जो चेतावनी दी थी वह आज भी हमारे जीवन पर पूरी तरह लागू होती है. पराए धन और पराई स्त्री पर नजर डालना इंसान की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण है और ऐसे लोग कभी सुख और सम्मान नहीं पा सकते.

By Saurabh Poddar | August 26, 2025 6:33 PM

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को प्राचीन भारत के जबरदस्त पॉलिसी मेकर और स्किल्ड टीचर के तौर पर जाना जाता है. उनकी बताई हुई नीतियां आज भी उतनी ही कारगर हैं जितनी हजारों साल पहले थीं. चाणक्य ने जीवन, राजनीति, रिश्ते और चाल-चलन से जुड़ी कई अहम बातें बताई हैं. उन्होंने साफ कहा है कि जो व्यक्ति पराए धन और पराई स्त्री पर नजर डालता है, उसका जीवन कभी सुखी नहीं हो सकता. ऐसे लोग न केवल समाज में अपनी इज्जत खोते हैं, बल्कि उनका अंत भी दुखद होता है. चलिए विस्तार से जानते हैं पराई स्त्री और पराए धन पर नजर डालने वालों के साथ क्या होता है इसके बारे में विस्तार से.

पराए धन पर नजर डालने का नतीजा

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हर व्यक्ति को अपने कर्मों और मेहनत से कमाई करनी चाहिए. पराए धन पर नजर डालना चोरी या धोखेबाजी के समान है. इससे इंसान धीरे-धीरे आलसी और लालची बन जाता है. ऐसा व्यक्ति मेहनत करने से बचता है और दूसरों की चीजों पर निर्भर रहने लगता है. इसका परिणाम यह होता है कि उसकी तरक्की रुक जाती है और समाज में उसकी बदनामी भी हो जाती है. लंबे समय में, उसकी ईमानदारी और भरोसेमंद छवि पूरी तरह बर्बाद हो जाती है.

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पराई स्त्री पर नजर डालने का नतीजा

चाणक्य नीति में साफ तौर पर कहा गया है कि, जो व्यक्ति पराई स्त्री पर नजर डालता है, वह न केवल धर्म और समाज की मर्यादा तोड़ता है, बल्कि अपने परिवार की भी प्रतिष्ठा खो देता है. ऐसे लोग अक्सर बेइज्जतीऔर कलह का कारण बनते हैं. यह आदत व्यक्ति के घर-परिवार को तोड़ देती है और रिश्तों में कड़वाहट ला देती है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति को कभी सम्मान नहीं मिलता और जीवन के अंत में वह अकेला और दुखी रह जाता है.

इज्जत और भरोसे को नुकसान

चाणक्य नीति के अनुसार पराए धन और पराई स्त्री की चाहत इंसान से उसकी सबसे बड़ी दौलत छीन लेती है जो कि और कुछ नहीं सम्मान और भरोसा होता है. एक बार अगर समाज या परिवार का विश्वास टूट जाए, तो उसे दोबारा पाना बहुत कठिन होता है. ऐसे लोग धीरे-धीरे सबके लिए नफरत और तिरस्कार का कारण बन जाते हैं.

जीवन में बर्बादी का कारण

चाणक्य नीति में बताया गया है कि गलत इच्छाओं और लालच में पड़कर व्यक्ति अपनी खुद की बुद्धि और विवेक को तबाह कर लेता है. इस कारण उसका करियर, फैमिली और सोशल लाइफ सब बर्बाद हो जाता है. लालच और गलत रिश्तों की चाह इंसान को अंदर से खोखला कर देती है और उसका अंत दुख, अपमान और पछतावे के साथ होता है.

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