Dharmendra Last Wish: 89 साल की उम्र में धर्मेंद्र की आखिरी इच्छा अधूरी, कहा था- ये देखकर ही आंखें बंद करूंगा
Dharmendra Last Wish: बॉलीवुड के 'ही-मैन' धर्मेंद्र का 89 साल की उम्र में निधन हो गया. इस बीच उनकी आखिरी इच्छा के बारे में डिटेल में बताते हैं, जिसे जानकर दिग्गज अभिनेता के फैंस की आंखे नम हो जाएंगी.
Dharmendra Last Wish: बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ धर्मेंद्र का निधन हो गया. 89 साल की उम्र में सोमवार दोपहर करीब 1 बजे मुंबई के जुहू स्थित उनके आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके मौत की की पुष्टि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पोस्ट के जरिए की. अंतिम संस्कार मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान घाट पर शाम को किया जाएगा. पार्थिव शरीर भी वहां पहुंच चुका है. बेटी ईशा देओल और पत्नी हेमा मालिनी अब तक श्मशान घाट पर मौजूद हैं. वहीं, बॉलीवुड जगत के कई सितारे जैसे अमिताभ बच्चन, सलीम खान, अक्षय कुमार, आमिर खान और सलमान खान भी वहां पहुंचे. इसी वजह से श्मशान घाट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
आज ही धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म ‘इक्कीस’ का पोस्टर जारी हुआ, जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. फैंस इस खबर को देखकर अपने दुख का जाहिर कर रहे हैं. इस बीच, हम आपको इसी फिल्म से जुड़ी उनकी आखिरी इच्छा के बारे में बताते हैं, जिसे जानकर सभी की आंखें नम हो जाएंगी.
क्या थी धर्मेंद्र की आखिरी इच्छा?
Oneindia में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, धर्मेंद्र की आखिरी तमन्ना 8 दिसंबर को अपने 90वें जन्मदिन को धूमधाम से मनाने और 25 दिसंबर को रिलीज होने वाली अपनी आखिरी फिल्म ‘इक्कीस’ देखना थी. यह फिल्म उनके करियर की आखिरी पारी थी, जिसमें उन्होंने 21 वर्षीय अमर सैनिक अरुण खेतरपाल के पिता की भूमिका निभाई थी.
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “बूढ़ा हो गया हूं, लेकिन सिनेमा मेरी जिंदगी है. इस फिल्म को देखकर ही आंखें बंद करूंगा.” लेकिन किस्मत ने उन्हें 14 दिन पहले ही अलविदा कह दिया. परिवार अगले महीने जन्मदिन की प्लानिंग कर रहा था, लेकिन अब यह सपना अधूरा रह गया.
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बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ का करियर और अवार्ड्स
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के फाजिल्का जिले के नसराली गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था. उनके स्ट्रगल और टैलेंट ने उन्हें बॉलीवुड का सबसे पॉपुलर एक्टर बना दिया. 1958 में उन्होंने फिल्मफेयर टैलेंट हंट जीतकर मुंबई आने का फैसला किया और 1960 में फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से अपना फिल्मी करियर शुरू किया. 1960 और 70 के दशक में वे रोमांटिक और एक्शन दोनों हीरो के रूप में दर्शकों के दिलों पर राज करते रहे.
उनकी कुछ यादगार फिल्मों में शामिल हैं:
- फूल और पत्थर
- मेरा गांव मेरा देश
- यादों की बारात
- शोले
- सती जम्बूता
- बेताब
इन फिल्मों और उनके करियर ने उन्हें बॉलीवुड के ‘ही-मैन’ के रूप में स्थापित किया. उनके बेहतरीन योगदान को देखते हुए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, पद्म भूषण और कई अन्य बड़े सम्मान भी मिले.
