हिट एंड रन मामला : सलमान के नशे में होने को लेकर डॉक्टर के दो बयान
मुंबई : अभिनेता सलमान खान से जुडे हिट एंड रन मामले में सुनवाई कर रही एक स्थानीय अदालत को एक डॉक्टर ने आज बताया कि घटना के तत्काल बाद जब सलमान को खून की जांच के लिए लाया गया तो शराब की बू आ रही थी, हालांकि उसी दिन क्लीनिकल परीक्षण में लगा कि वह […]
मुंबई : अभिनेता सलमान खान से जुडे हिट एंड रन मामले में सुनवाई कर रही एक स्थानीय अदालत को एक डॉक्टर ने आज बताया कि घटना के तत्काल बाद जब सलमान को खून की जांच के लिए लाया गया तो शराब की बू आ रही थी, हालांकि उसी दिन क्लीनिकल परीक्षण में लगा कि वह शराब के नशे में नहीं थे.
डॉ शशिकांत पवार ने अदालत में विशेष सरकारी अभियोजक प्रदीप घरात से कहा, ‘‘क्लीनिकल परीक्षण के दौरान रोगी :सलमान: की आंख की पुतली थोडी तनी हुई थीं, आवाज साफ थी और चाल सामान्य थी.’’ पुलिस के मुताबिक खान की कार 28 सितंबर, 2002 को बांद्रा में सडक किनारे एक दुकान में घुस गयी थी. इस घटना में सडक किनारे सो रहे एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी और चार लोग घायल हो गये.
घटना के तुरंत बाद जरुरी जांच के लिए सलमान को सरकारी जे जे अस्पताल ले जाया गया। पवार उस समय अस्पताल में कार्यरत थे. एक सवाल पर पवार ने कहा कि जब सलमान को उनके पास लाया गया तो उनमें से शराब की बू आ रही थी लेकिन बाद में क्लीनिकल जांच में वह शराब के नशे में नहीं दिखे. अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर पेश हुए पवार ने सत्र न्यायाधीश डी डब्ल्यू देशपांडे से कहा कि अभिनेता ने हालांकि उन्हें कहा था कि उन्होंने शराब नहीं पी थी.
सलमान के वकील श्रीकांत शिवडे द्वारा जिरह के दौरान पवार ने माना कि उनके द्वारा तैयार किये गये कागजों में उन्होंने खान से अल्कोहल की बू आने के संबंध में तथ्य को दर्ज नहीं किया था. हालांकि वह तथ्य को दर्ज नहीं करने की कोई वजह नहीं बता सके। डॉक्टर ने स्वीकार किया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं है कि खून की जांच किन मामलों में होनी चाहिए. पवार ने कहा कि उन्होंने रक्त परीक्षण के लिए सलमान की सहमति ली थी लेकिन मामले के कागजात में इसे दर्ज नहीं किया गया. उन्होंने कबूल किया कि कागजों में अभिनेता का दस्तखत या अंगूठे का निशान नहीं था.
क्या खून की जांच के लिए सहमति जरुरी थी, इस सवाल पर उन्होंने हां में जवाब दिया. एक प्रश्न पर डॉक्टर ने कहा कि आंखों की पुतली कई वजहों से तनी हो सकती है. शराब पीना एक वजह हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘यह बात निर्णायक तौर पर नहीं कही जा सकती कि शराब पीने से आंखों की पुतलियां तन गयीं.’’ पवार ने बचाव पक्ष के एक वकील के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मामले के कागजों से यह नहीं कहा जा सकता कि रोगी से शराब की बू आ रही थी. कागजों में ‘शराब’ शब्द का उल्लेख क्यों नहीं है, इस पर डॉक्टर ने कोई वजह नहीं बताई. हालांकि उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कार्बन कॉपी में इस शब्द की छाप नहीं आई हो. जिरह 27 जनवरी को जारी रहेगी.
