फिल्म रिव्यू : कैसी है विक्रम भट्ट की ”1921 ”

निर्देशक : विक्रम भट्ट कलाकार : करण कुंद्रा, जरीन खान रेटिंग : डेढ़ बीते साल सीक्वल फिल्मों ने टिकट खिड़की पर सफलता की नई कहानी को लिखा था. इस साल भी सीक्वल फिल्मों की सफलता को भुनाने की होड मची हुई है. 1921 सफल फिल्म 1920 की चौथी फ्रेंचाइजी है. फिल्म सीक्वल है तो कहानी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 12, 2018 9:15 PM

निर्देशक : विक्रम भट्ट

कलाकार : करण कुंद्रा, जरीन खान
रेटिंग : डेढ़
बीते साल सीक्वल फिल्मों ने टिकट खिड़की पर सफलता की नई कहानी को लिखा था. इस साल भी सीक्वल फिल्मों की सफलता को भुनाने की होड मची हुई है. 1921 सफल फिल्म 1920 की चौथी फ्रेंचाइजी है. फिल्म सीक्वल है तो कहानी भी वही रटी रटायी सी है. जो अब तक कई बार देख चुके हैं. जिससे फिल्म को देखते हुए आपको यह पहले ही अंदाजा हो जाता है कि अगले सीन में क्या होनेवाला है. पूर्वानुमानित इस कहानी पर आते हैं. फ़िल्म की कहानी आयुष (करण कुंद्रा) की है. संगीत में वह बहुत प्रतिभशाली है लेकिन उसने इसमें प्रशिक्षण नहीं लिया.ऐसे में उसके पिता के बॉस उसके संगीत की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने को तैयार है बस उसकी एक ही शर्त है कि बदले में वह उसके इंग्लैड वाले घर की देखभाल करेगा.
आयुष को यह ऑफर पसंद आता है लेकिन वहां आने पर उसे अजीबोगरीब हालात का सामना करना पड़ता है. इन बुरी शक्तियों के अलावा कोई और भी है जो आयुष को मारना चाहता है. इंग्लैंड में उसकी मुलाकात रोज (ज़रीन खान) से होती है. जो इन अदृश्य शक्तियों को देख सकती है. क्या आयुष को बुरी शक्तियों से बचा पाएंगी. इसी पर फ़िल्म की आगे की कहानी है. फ़िल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा ठीक है.सेकंड हाफ से फ़िल्म की कहानी औंधे मुंह गिर पड़ी. फ़िल्म में फ्लैशबैक की अति है. जिससे कहानी से जुड़ाव और नहीं हो पाता है. फ़िल्म में ज़रुरत से ज़्यादा रहस्य भी जोड़े गए हैं लेकिन कोई भी काम नहीं करता है
अभिनय की बात करें तो ज़रीन ठीक ठाक रही हैं. करण कुंद्रा को अपनी एक्टिंग पर और काम करना होगा. कई दृश्यों में तो उन्होंने ओवर एक्टिंग की है. जिससे यह फिल्म डराने के बजाए हंसाने लगती है.बाकी का काम ठीक- ठाक है. फ़िल्म का गीत संगीत औसत रह गया है हां लोकेशन ज़रूर खूबसूरत हैं. कुलमिलाकर यह हॉरर फ़िल्म पूरी तरह से निराश करती है.

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