Movie Review : कंप्लीट पैकेज है Secret Superstar

गौरव आजकल हिंदी सिनेमा का ट्रीटमेंट ऐसा हो चला है कि पूरी फैमिली के साथ थिएटर का रुख करना दूर की कौड़ी हो गयी है. ऐसे में कोई ये कहे कि फलां फिल्म पूरी फैमिली के साथ देखें तो मजा दोगुना हो जाएगा, बेमानी सा लगता है. पर बात अगर सीक्रेट सुपरस्टार की हो तो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 20, 2017 7:41 PM

गौरव

आजकल हिंदी सिनेमा का ट्रीटमेंट ऐसा हो चला है कि पूरी फैमिली के साथ थिएटर का रुख करना दूर की कौड़ी हो गयी है. ऐसे में कोई ये कहे कि फलां फिल्म पूरी फैमिली के साथ देखें तो मजा दोगुना हो जाएगा, बेमानी सा लगता है. पर बात अगर सीक्रेट सुपरस्टार की हो तो ये लाइन शत-प्रतिशत सही बैठती है.

जायरा वसीम और आमिर खान अभिनित सीक्रेट सुपरस्टार आज के दौर में बनी ऐसी ही फिल्म है जिसे आप अकेले देखें तो वाकई मजा आयेगा पर अगर फैमिली के साथ देखें तो वही मजा दोगुना हो जाएगा.

यहांं स्टारकास्ट की बात करते वक्त आमिर से पहले जायरा का नाम लेना भी इसलिए यथोचित है कि फिल्म की असल स्टार वही है जिसे आमिर ने अपने कंधे का सहारा भर दिया है.

सीक्रेट सुपरस्टार हर उस यंगस्टर के लिए है जो कुछ कर गुजरने का ख्वाब देखते हैं, पर रास्ते की बाधाओं से घबराकर उस ख्वाब का गला घोंट देते हैं.

यह फिल्म हर उन् पेरेंट्स के लिए भी है जो अपने बच्चों के उन ख्वाबों को अपने अहं की भेंट चढ़ा देते हैं और यह फिल्म है हर उस समाज के लिए जहां आज भी लड़कियों का मतलब किसी और घर की बहू बना देने की जिम्मेदारी भी तक है.

बड़ौदा की इंसिया मलिक (जायरा वसीम) है तो स्कूल गर्ल पर उसके ख्वाब उसकी फैमिली के कद के हिसाब से काफी बड़े हैं. ख्वाब एक कामयाब सिंगर बनने का, खुद की पहचान तय करने का.

इस राह का सबसे बड़ा रोड़ा उसके पिता (राज अर्जुन) की रूढ़िवादी सोच है. सपोर्ट में मां नजमा (मेहर विज) है पर वो भी पति की प्रताड़ना की बेड़ियों में जकड़ी हुई है. इंसिया की लड़ाई दो मोर्चों पर है.

खुद के सपनों को साकार करने के साथ ही वह मां को भी पिता के साये से मुक्त करना चाहती है. ऐसे में वह खुद को बुर्के में लपेट छद्म नाम से अपना एक सिंगिंग वीडियो तैयार करती है और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर देती है.

कुछ समय में ही उसका वीडियो वायरल हो जाता है जिस पर नजर पड़ती है स्ट्रगलर म्यूजिक डायरेक्टर शक्ति कुमार (आमिर खान) की. वो किसी तरह से उसकी तलाश कर उसे मुंबई लाना चाहता है. अब इंसिया के साथ उसके सपनों की दुनिया है और चुनौतियों से लड़ कर वहां तक पहुंचने का जज्बा भी.

दंगल के बादा इंसिया के किरदार में जायरा को देखना दंगल से दो कदम आगे निकल जाने वाला एहसास देता है. इमोशनल के साथ-साथ जोश भरते दृश्यों में भी जायरा के चेहरे का भाव संप्रेशन और बॉडी लैंगवेज उसे कम उम्र में ही उम्दा अभिनेत्रियों की श्रेणी में ला खड़ा करता है.

रही बात आमिर की तो उनकी अभिनय क्षमता और किरदार की डिटेलिंग पर की गयी उनकी मेहनत परदे पर ही काफी कुछ कह देती है. हर बार एक नये प्रयोग के साथ परदे पर आते आमिर ने इस बार इमोशनल कहानी वाली रेसिपी में जो ह्यूमर का तड़का लगाया है वो लाजवाब है.

सहकलाकारों में राज अर्जुन, मेहर के साथ-साथ बाल कलाकार तीर्थ शर्मा भी कमाल कर गये हैं. तो अगर आप आमिर की फिल्म होने के साथ-साथ सचमुच एक इंस्पायरिंग फैमिली फिल्म देखने के इच्छुक हों तो एक बार थिएटर का रुख जरूर करें.

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