पटना के सागर पारेख छोटे पर्दे पर लहरा रहे परचम

खुल कर सपने देखो और जब देखो तो उसे पूरा करने का जज्बा भी रखो. क्योंकि सपनों में जान भरने के लिए आगे बढ़ने की जरूरत होती है. यह कहना है पटना सिटी के रहने वाले सागर पारेख का, जो इन दिनों छोटे पर्दे की दुनिया में काफी नाम कमा रहे हैं. सागर की उम्र […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 26, 2019 9:10 AM

खुल कर सपने देखो और जब देखो तो उसे पूरा करने का जज्बा भी रखो. क्योंकि सपनों में जान भरने के लिए आगे बढ़ने की जरूरत होती है. यह कहना है पटना सिटी के रहने वाले सागर पारेख का, जो इन दिनों छोटे पर्दे की दुनिया में काफी नाम कमा रहे हैं. सागर की उम्र भले ही छोटी है, लेकिन आज कई युवाओं के आइडल बन चुके हैं. उन्होंने बताया कि 2016 में 12वीं में था. उसी दौरान मुझे चैनेल वी में प्रसारित होने वाले टीवी शो गुमराह के ऑडिशन के बारे में जानकारी मिली. मैं ऑडिशन देने के लिए मुंबई आया. यहां मुंबई में कोई कनेक्शन नहीं था. फिर भी मैंने हार नहीं मानी. हर दिन कुछ नया सीखने को मिल रहा था.

मुंबई आने के बाद करीब 120 ऑडिशंस दिये
लंबे समय तक ऑडिशन देने के बाद पहला ब्रेक गुमराह में मिला, जिसमें बहुत कुछ सीखने का मौका दिया. इसी में ब्रेक मिलने के बाद लाइफ चेंज सी होनी शुरू हो गयी. इसे करने के दौरान ही मुझे जिंग चैनल में ऐ जिंदगी में काम करने का मौका मिला. इसके बाद से रास्ता खुद ब खुद खुलता गया. मैंने सावधान इंडिया के कुछ एपिसोड में भी काम किया है. फिलहाल कलर्स इंटरनेट वाला लव टीवी सीरियल में काम मिला है. इसमें लगभग 100 से अधिक एपिसोड कंपलिट कर चुका हूं. पढ़ाई के साथ-साथ मैंने एक्टिंग की शुरुआत की. क्योंकि मैं स्टूडेंट्स टाइम में ही मुंबई आ गया था. काफी स्ट्रगल करने के बाद काम मिला. इसलिए इस दौरान मैंने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन भी किया.

फैमिली का काफी सपोर्ट मिला है
मुंबई में मुझे जो भी मुकाम मिला है इसके लिए मैं अपनी फैमिली को थैंक्यू बोलना चाहता हूं. क्योंकि फैमिली का काफी सपोर्ट मिला है. पैरेंट्स का आशीर्वाद है कि मुझे इतने कम समय में 10 से 12 टीवी सीरियल और शो में काम मिला है. फिलहाल जी टीवी का शो राजा बेटा में काम कर रहा हूं. आगे भी कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. मैंने हाल में वेब सीरीज भी किया है. आगे की तैयारी भी साथ-साथ जारी है. मेरा मानना है कि सही दिशा में मेहनत की जाये, तो मंजिल जरूर मिलती है. इसलिए दूसरों को भी यही कहना चाहूंगा कि खुल के सपने देखो और जब देखो, तो उसको पूरा करने का जज्बा भी रखो. जिंदगी में हार्डवर्क जरूरी है. शॉर्टकट से कुछ हासिल नहीं होने वाला.

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