UP Election 2022: सपा सरकार में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया मंत्री रहे, अखिलेश क्यों नहीं पहचानते हैं?

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जवाब दिया- कौन हैं राजा भैया, ये कौन हैं? अखिलेश यादव के जवाब से मौके पर मौजूद सपा समर्थकों ने अपने अध्यक्ष के समर्थन में तालियां बजा दी.

By Prabhat Khabar | November 28, 2021 9:12 PM

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नाम रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का है. कुछ दिनों पहले राजा भैया सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे थे. सपा और राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के बीच गठबंधन के कयास भी लग रहे हैं. दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव को नहीं पता है कि आखिर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया कौन हैं?

रविवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनावी अभियान में प्रतापगढ़ पहुंचे. जनसभा में उन्होंने अपनी बातें कही. जनसभा के बाद अखिलेश यादव को पत्रकारों ने घेर लिया. पत्रकारों ने सपा सरकार में मंत्री रहे कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से अखिलेश यादव की नाराजगी से जुड़ा सवाल पूछा. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जवाब दिया- कौन हैं राजा भैया, ये कौन हैं? अखिलेश यादव के जवाब से मौके पर मौजूद सपा समर्थकों ने अपने अध्यक्ष के समर्थन में तालियां बजा दी.

आपने उत्तर प्रदेश की सियासत के बारे पढ़ा होगा या आप यहां की राजनीति को समझते हैं तो रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के बारे में जरूर जानते होंगे. राजा भैया बाहबुली विधायक माने जाते हैं. उन्हें समाजवादी पार्टी के कट्टर समर्थक के रूप में भी देखा जाता है. कुछ दिनों पहले सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर भी राजा भैया उनसे मुलाकात करने पहुंचे थे. उस खास मुलाकात के बाद सपा और राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के बीच गठबंधन के कयास लगने लगे थे.

भले ही मुलायम सिंह यादव की सरकार में मंत्री रहे कुंडा विधायक राजा भैया की मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं. अखिलेश यादव ने पत्रकारों से सवाल पर राजा भैया को पहचानने से इंकार कर दिया. कहने का मतलब है अभी तक अखिलेश यादव की राजा भैया से नाराजगी कम नहीं हुई है. आप सोच रहे होंगे आखिर अखिलेश यादव और राजा भैया की तल्खी क्यों है? चलिए हम आपको जवाब देते हैं.

लोकसभा चुनाव 2019 में सपा ने बहुजन सपा से गठबंधन कर लिया था. गठबंधन के कारण राजा भैया नाराज हो गए थे. उसी वक्त से दोनों के बीच रिश्ते खराब होने शुरू हो गए. गठबंधन के बाद उसी साल राज्यसभा चुनाव के दौरान दोनों नेताओं के बीच कड़वाहट बढ़ गई. अखिलेश यादव चाहते थे कि राजा भैया बसपा के कैंडिडेट का समर्थन करें. लेकिन, राजा भैया ने बसपा कैंडिडेट की जगह बीजेपी प्रत्याशी को वोट दिया. इसके बाद आरोप लगे कि राजा भैया की बीजेपी से करीबी बढ़ गई है. अब, अखिलेश यादव ने रविवार को पत्रकारों के सवालों पर राजा भैया को पहचानने से इंकार कर दिया.

Also Read: आजमगढ़ में सिंदूर दान से पहले मचला लड़के का मन, लड़की का शादी से इंकार, दूल्हे के पिता और रिश्तेदार बंधक

Next Article

Exit mobile version