क्या तुम कलेक्टर हो? गरीब महिला के इसे ताने को सुनकर MBBS छोड़ अफसर बनीं प्रियंका
Dr Priyanka Shukla IAS: प्रियंका शुक्ला की जिंदगी में सबकुछ अच्छा चल रहा था. वे पेशे से डॉक्टर थीं. लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि उनका ट्रैक चेंज हो गया और उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में बैठने का फैसला लिया. आइए, जानते हैं प्रियंका शुक्ला का डॉक्टर से आईएएस बनने का सफर कैसा रहा.
Dr Priyanka Shukla IAS: भारतीय युवाओं में सिविल सेवा का क्रेज इस कदर होता है कि वे अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर इस क्षेत्र में आते हैं. कुछ ऐसी कहानी है प्रियंका शुक्ला (Priyanka Shukla IAS) की. प्रियंका शुक्ला की जिंदगी में सबकुछ अच्छा चल रहा था. वे पेशे से डॉक्टर थीं. लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि उनका ट्रैक चेंज हो गया और उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में बैठने का फैसला लिया. आइए, जानते हैं प्रियंका शुक्ला का डॉक्टर से आईएएस बनने का सफर कैसा रहा.
पिता चाहते थे बेटी बने आईएएस
प्रियंका के पिता उन्हें बचपन से ही आईएएस बनाना चाहते थे. लेकिन प्रियंका को डॉक्टर बनना था. उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत भी की. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में दाखिला लिया और MBBS की डिग्री हासिल की. यहां इंटर्नशिप के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने उनकी जिंदगी बदल दी.
मेडिकल सेवा छोड़कर अफसर बनने का किया फैसला
KGMU के आखिरी साल में इंटर्नशिप के दौरान प्रियंका एक बार स्लम एरिया में चेकअप के लिए गईं तो देखा कि एक महिला खुद भी गंदा पानी पी रही थी और अपने बच्चों को भी वही पानी पिला रही थी. प्रियंका से नहीं रहा गया और उन्होंने जब उस महिला से सवाल पूछा तो उस महिला ने पलटकर जवाब दिया, “ क्या तुम कहीं की कलेक्टर हो?” इस एक ताने ने उनके सोचने का तरीका बदल दिया और उन्होंने UPSC CSE परीक्षा की तैयारी करने का ठाना.
पहले प्रयास में असफलता लगी हाथ
वर्ष 2006 में प्रियंका की MBBS की डिग्री पूरी करके उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की. अपने पहले प्रयास में वे असफल रहीं. लेकिन इसके बाद भी प्रियंका ने हार नहीं मानी और वर्ष 2009 में UPSC CSE परीक्षा में सफलता हासिल कर ली.
कई बार जीत चुकी हैं अवार्ड्स
वे अपने अनोखे काम करने के तरीके के लिए जानी जाती हैं. छत्तीसगढ़ के जशपुर में कलक्टर रहते हुए उन्होंने लोगों को वोट डालने के लिए बड़े ही यूनिक तरीके से जागरुक किया. सभी स्टाफ के साथ वे हेलमेट पहनकर बाइक पर निकल पड़ी और गांव गांव जाकर उन्होंने लोगों को वोट डालने के लिए प्रेरित किया. इसके अलावा वे शौचालय के लिए जागरुकता के काम के लिए जानी जाती हैं. IAS प्रियंका अपने काम को लेकर कई पुरस्कार जीत चुकी हैं. 9 साल के करियर में कई अवार्ड जितने के साथ ही उन्हें राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया है.
यह भी पढ़ें- कभी थीं 5वीं फेल, आज हैं लाखों की प्रेरणा, पिता की एक सलाह और बदल गई IAS नेहा की जिदंगी
