JNU PhD Admission 2025: दिसंबर में जेएनयू में पीएचडी के लिए नया मौका, लेकिन हॉस्टल सुविधा को लेकर बड़ा बदलाव?

JNU PhD Admission 2025: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने 2025-26 के लिए पीएचडी एडमिशन का दूसरा चरण दिसंबर में शुरू करने का ऐलान किया है. छात्रावास में रहने की अवधि बढ़ाने की भी अनुमति मिली है. जेएनयू छात्र संघ ने JNUEE परीक्षा बहाल करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरू की है. प्रशासन और छात्र संघ के बीच बातचीत जारी है. छात्रावास विस्तार और प्रवेश नीति को लेकर विवाद जारी है.

By Govind Jee | July 6, 2025 7:16 PM

JNU PhD Admission 2025 in Hindi: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए पीएचडी एडमिशन का दूसरा चरण दिसंबर 2025 में शुरू करने की घोषणा की है. यह प्रक्रिया यूजीसी/सीएसआईआर-जेआरएफ-नेट, डीबीटी-जेआरएफ, आईसीएमआर-जेआरएफ जैसी फेलोशिप के आधार पर होगी.

JNU PhD Admission 2025 in Hindi: छात्रावास सुविधा में विस्तार की अनुमति

पीएचडी स्कॉलर्स के लिए एक राहत भरी खबर आई है. विश्वविद्यालय ने थीसिस जमा करने के करीब रहने वाले शोधार्थियों के लिए छात्रावास में रहने की अवधि बढ़ाने की मंजूरी दी है. इसके लिए छात्र को अपने पर्यवेक्षक, स्कूल के डीन और अध्यक्ष से हस्ताक्षरित एक वचनबद्धता जमा करनी होगी. प्रशासन ऐसे आवेदन “मानवीय आधार पर” और “मामले-दर-मामले” पर मंजूर करेगा.

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छात्रों का आंदोलन जारी, JNUSU की मांग

इस बीच, जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) लगातार दसवें दिन भूख हड़ताल पर है. वे चाहते हैं कि विश्वविद्यालय सभी पीएचडी प्रोग्राम के लिए JNUEE प्रवेश परीक्षा फिर से लागू करे. छात्र संघ ने विश्वविद्यालय के उस फैसले की आलोचना की है, जिसमें जून 2025 के UGC-NET में शामिल हुए नए स्नातकों को प्रवेश से बाहर रखा गया है. इसका असर खासकर हाल ही में एमए पास करने वाले विद्यार्थियों पर पड़ा है, जिनके लिए शोध में प्रवेश के रास्ते बंद हो गए हैं.

JNUSU अध्यक्ष नितीश कुमार ने कहा, “प्रशासन पहले हमारी बात नहीं सुनना चाहता था, लेकिन अब वे बातचीत के लिए तैयार हुए हैं. छात्रावास में रहने की अवधि बढ़ाने का नोटिस भी छुट्टियों के बीच जारी करना पड़ा. हम तब तक लड़ेंगे जब तक सभी पीएचडी छात्र अपनी पढ़ाई पूरी कर लें और छात्रावास में रह सकें.”

उन्होंने आगे कहा, “यह तो शुरुआत है, हमारी लड़ाई जारी रहेगी और हम प्रशासन से पूरी मांगें मानने के लिए दबाव बनाएंगे.”

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