General Knowledge: 1947 के बाद पाकिस्तान में लगे थे ऐसे नारे, जो आज भी जख्म हरे कर देंगे

General Knowledge: 1947 में पाकिस्तान के जन्म के साथ कराची और लाहौर की गलियां ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारों से गूंज उठीं. मोहम्मद अली जिन्ना ने पहले गवर्नर-जनरल के रूप में शपथ लेकर समानता, धार्मिक स्वतंत्रता और एकजुटता का संदेश दिया.

By Pushpanjali | August 11, 2025 11:19 AM

General Knowledge: 14 अगस्त 1947 यह तारीख पाकिस्तान के इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखी जाएगी. ब्रिटिश हुकूमत से आजादी और भारत के बंटवारे के साथ एक नए मुस्लिम राष्ट्र का जन्म हुआ. पाकिस्तान के निर्माण के साथ ही कराची, लाहौर और अन्य शहरों की गलियां जश्न से भर गईं.

पाकिस्तान निर्माण पर उमड़ा उत्साह

भारत से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को पाकिस्तान ने अपना पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया. उस दिन सड़कों पर झंडे लहराए गए, भीड़ में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’, ‘इस्लाम जिंदाबाद’, ‘मुस्लिम लीग जिंदाबाद’ और ‘कायद-ए-आजम जिंदाबाद’ के नारे गूंजते रहे। यह मुस्लिम लीग के उस सपने का साकार होना था, जिसे मोहम्मद अली जिन्ना और उनके साथियों ने देखा था.

कराची बना पहला शक्ति केंद्र

नवगठित पाकिस्तान की पहली राजधानी कराची में स्वतंत्रता समारोह का आयोजन हुआ. मोहम्मद अली जिन्ना ने देश के पहले गवर्नर-जनरल के रूप में शपथ ली. मस्जिदों में विशेष दुआएं मांगी गईं और सार्वजनिक स्थानों पर सभाएं हुईं. हर ओर नए राष्ट्र के प्रति गर्व और भविष्य की उम्मीदों की लहर थी.

समानता और धार्मिक स्वतंत्रता

जिन्ना ने 11 अगस्त 1947 को संविधान सभा में अपने ऐतिहासिक भाषण में पाकिस्तान की दिशा स्पष्ट की. उन्होंने कहा:
“आप अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं. आप मस्जिद, मंदिर या किसी भी इबादतगाह में जा सकते हैं. पाकिस्तान में आपका संबंध किसी भी धर्म, जाति या नस्ल से हो, राज्य को इससे कोई मतलब नहीं होगा.”

जिन्ना ने यह भी कहा कि समय के साथ पाकिस्तान में नागरिकों की पहचान धर्म के बजाय एक राष्ट्र के नागरिक के रूप में होगी.

पाकिस्तान का यह शुरुआती दौर सिर्फ राजनीतिक बदलाव का नहीं, बल्कि उस भावनात्मक लहर का प्रतीक था, जिसने वहां के लोगों को एक नई पहचान दी.

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