झारखंड के स्कूलों में पढ़ाई जाएगी दिशोम गुरु शिबू सोरेन की जीवनी, अकिल अखाड़ा से लेकर 19 सूत्री कार्यक्रम तक

Dishom Guru Shibu Soren Biography: झारखंड सरकार ने फैसला किया है कि कक्षा 1 से 12 तक के स्कूली पाठ्यक्रम में शिबू सोरेन की जीवनी शामिल की जाएगी. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर सचिव उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में बैठक की. 31 अगस्त तक ड्राफ्ट फाइनल होगा और अगले सत्र से नई किताबों में उनके जीवन, संघर्ष और योगदान पर अध्याय जोड़े जाएंगे.

By Ravi Mallick | August 21, 2025 8:24 AM

Dishom Guru Shibu Soren Biography: झारखंड सरकार ने राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में एक बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन की जीवनी (Dishom Guru Shibu Soren Biography) को कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक की किताबों में शामिल किया जाएगा. विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई और यह तय किया गया कि 31 अगस्त तक पाठ्य सामग्री का ड्राफ्ट फाइनल कर लिया जाएगा. इसके बाद अगले सत्र से नई किताबों में इसे जोड़ा जाएगा.

Dishom Guru Shibu Soren Biography: किस क्लास में क्या होगा?

निर्णय के अनुसार, शिबू सोरेन की जीवनी और उनके योगदान को कक्षाओं के अनुसार अलग-अलग विषयों और प्रारूपों में शामिल किया जाएगा. कक्षा 1 और 2 में बच्चों को चित्रकथा के माध्यम से उनका जीवन परिचय और संकल्प बताया जाएगा. कक्षा 4 की किताबों में कविता और कहानी के जरिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके प्रयासों को दर्शाया जाएगा. कक्षा 6 में सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत गुरुजी के नशा विरोधी अभियान और स्थानीय स्वशासन के विचार पढ़ाए जाएंगे.

कक्षा 7 के विद्यार्थियों को शिबू सोरेन द्वारा शुरू किए गए अकिल अखाड़ा यानी रात्रि पाठशाला की जानकारी दी जाएगी. कक्षा 8 की हिंदी और सामाजिक विज्ञान की किताबों में उनके जीवन के मानवीय पहलुओं और चलाए गए आंदोलनों का वर्णन होगा. वहीं, कक्षा 9 में उनकी जीवनी को हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू विषयों में शामिल किया जाएगा. इससे विद्यार्थियों को उनके संघर्ष और समाज सुधार के प्रयासों के बारे में गहराई से जानने का अवसर मिलेगा.

19 सूत्री कार्यक्रम को शामिल

कक्षा 11 की भाषा संबंधी किताबों में शिबू सोरेन के 19 सूत्री कार्यक्रम को शामिल किया जाएगा. इसे हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में पढ़ाया जाएगा. इस अध्याय के जरिए विद्यार्थियों को यह समझने का मौका मिलेगा कि गुरुजी ने समाज सुधार और आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए किस तरह योजनाएं बनाईं. साथ ही कक्षा 12 तक अलग-अलग विषयों में उनके जीवन संघर्ष, राजनीतिक यात्रा और समाज के लिए किए गए कार्यों को अध्याय के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा.

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