CBSE 12th Board : फिजिक्स अब नहीं लगेगी मुश्किल
सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए फिजिक्स एक स्कोरिंग विषय है. लेकिन, कई बार छात्रों को यह विषय थोड़ा मुश्किल लगता है. ऐसे में पेपर के ब्लूप्रिंट को समझने के साथ तैयारी पर जोर देकर छात्र फिजिक्स में कैसे अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं, बता रहे है आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड, बिहार एवं झारखंड के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ नवीन गुप्ता...
CBSE 12th Board : बारहवीं बोर्ड परीक्षा में फिजिक्स का पेपर कुल 70 अंकों का होता है, जिसे पांच सेक्शन ए, बी, सी, डी एवं इ में बांटा गया है. पांचों सेक्शन का डिस्ट्रीब्यूशन कुछ इस तरह होता है-
सेक्शन ए : इसमें सोलह अंक के ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं. साथ ही बारह नंबर के एमसीक्यू होते हैं.
सेक्शन बी : इस सेक्शन में वेरी शॉर्ट आंसर क्वेश्चन आते हैं. इन प्रश्नों का 2 अंकों का वेटेज होता है.
सेक्शन सी : इसमें कंपैरेटिव और शॉर्ट आंसर वाले 3 अंक के प्रश्न होते हैं.
सेक्शन डी : इसमें केस स्टडी वाले प्रश्न होते हैं, जिनका उद्देश्य छात्र की एनालिटिकल स्किल एवं थॉट प्रोसेस परखना होता है. ये चार अंक के प्रश्न होते हैं.
सेक्शन ई : इस सेक्शन में लॉन्ग आंसर वाले प्रश्न आते हैं, जो पांच अंक के होते हैं.
प्रश्नों के डिस्ट्रीब्यूशन को समझना जरूरी
फिजिक्स की तैयारी के दौरान परीक्षा में प्रश्नों के डिस्ट्रीब्यूशन को समझना बेहद जरूरी है. 70 अंकों के इस पेपर में लगभग 25 अंकों का पेपर कॉन्सेप्ट एवं थ्योरी बेस होता है. छात्रों को फॉर्मूले एवं परिभाषाएं अच्छे से क्लियर होंगी, तो वे इन 25 अंकों को सिक्योर कर लेंगे. आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड, बिहार एवं झारखंड 10 से 15 अंकों के डेरिवेशन आते हैं. पहले न्यूमेरिकल पार्ट बहुत कम होता था, लेकिन हाल के वर्षों में लगभग 32 से 35 अंकों के न्यूमेरिकल पूछे जा रहे हैं. छात्र ने एनसीइआरटी को अच्छे से तैयार किया है, फॉर्मूले एवं कॉन्सेप्ट की थोड़ा डीप एनालिसिस की है, तो वह 30 से 35 अंकों के न्यूमेरिकल आसानी से कर सकता है.
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ब्लूप्रिंट को करें एनालाइज
हर पेपर का एक ब्लूप्रिट होता है. इसे एनालाइज कर लिया जाये, तो पेपर को सेगमेंट में बांट कर, यानी कॉन्सेप्ट, थ्योरी, डेरिवेशन एवं न्यूमेरिकल्स से पूछे जानेवाले प्रश्नों की संख्या को समझकर तैयारी को पुख्ता बनाया जा सकता है.
अच्छे अंक लाना है आसान
छात्र ने अगर एनसीइआरटी का सिलेबस पूरा तैयार कर लिया है, तो वह बोर्ड परीक्षा में 60 से 70 अंक आसानी से ला सकता है और नीट व जेइइ भी क्लियर कर सकता है. एनसीइआरटी की किताबों में इतनी बड़ी ताकत है. लेकिन, एनसीइआरटी को केवल पढ़ना नहीं है, उसके कॉन्सेप्ट को समझना भी जरूरी है.
सॉल्व करते चलें न्यूमेरिकल
थ्योरी के साथ ही उससे संबंधित न्यूमेरिकल्स भी सॉल्व करते चले. सवालों को बाद के लिए न छोड़ें. ऐसा करके आप पूरे चैप्टर को एक साथ तैयार कर लेंगे.
हल करें बीते वर्षों के प्रश्नपत्र
छात्रों को चाहिए कि वे पढ़ाई के साथ-साथ हर दिन प्रीवियस क्वेश्चन पेपर सॉल्व करें. ऐसा करके वे अपने हर कमजोर टॉपिक को मजबूत बना सकते हैं. छात्र ने यदि पिछले वर्षों के पेपर सॉल्व करने की प्रैक्टिस बना ली, तो चाहे डेरिवेशन हो, न्यूमेरिकल हो, कोई कॉन्सेप्ट हो या थ्योरी हो वे हर क्वेश्चन के लिए खुद को मजबूत बना लेंगे. अभी उनके पास दो माह का समय है. ऐसे में हर टॉपिक पर अच्छे से काम किया जा सकता है.
टॉपिक के वेटेज पर दें ध्यान
प्रीवियस इयर के पेपरों को सॉल्व करने से छात्र यह समझ पाते हैं कि किसी टॉपिक को पेपर में कितना वेटेज दिया जा रहा है. इससे बार-बार रिपीट होनेवाले प्रश्नों का अनुमान भी लग जाता है. कुछ चैप्टर ऐसे होते हैं, जिनका वेटेज और उनसे आनेवाले प्रश्नों की फ्रीक्वेंसी ज्यादा होती है, जैसे सेमी कंडक्टर एक छोटा-सा चैप्टर है, लेकिन इसका 7 अंक का वेटेज है. इसी तरह अन्य चैप्टर भी हैं. बचे हुए दो माह में वेटेज के आधार पर टॉपिक्स को तैयार कर छात्र अपने स्कोर को बेहतर बना सकते हैं.
