न भारी बैग, न किताबों का वजन, यूपी में होगा 10 दिनों का बैगलेस स्कूल

Bagless School: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में 6वीं से 8वीं तक के बच्चों के लिए Bagless School का फैसला लिया है. ऐसे में अब सालभर में 10 दिन ऐसे होंगे जब बच्चे स्कूल तो आएंगे, लेकिन बैग नहीं लाएंगे. न भारी बस्ता, न किताबों का वजन. बस मजेदार तरीके से सीखने का दिन. यह कदम NEP 2020 के तहत लिया गया है जिससे बच्चों को रटने की जगह असली और काम की चीजें सीखने को मिलें.

By Ravi Mallick | November 17, 2025 1:50 PM

Bagless School: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा और दिलचस्प कदम उठाते हुए राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 6वीं से 8वीं तक के बच्चों के लिए 10 दिन का बैगलेस स्कूल कार्यक्रम (Bagless School Program) शुरू किया है. इस पहल का सबसे बड़ा मकसद बच्चों पर पढ़ाई का दबाव कम करना और उन्हें सीखने का मजेदार और आसान माहौल देना है. यह कदम नई शिक्षा नीति यानी NEP 2020 के तहत उठाया गया है, जिसमें रटने की बजाय बच्चों को गतिविधियों के जरिए सीखने पर ज्यादा जोर दिया गया है.

Bagless School के लिए आनंदम गाइडलाइन

SCERT ने इस पहल के लिए ‘आनंदम’ नाम की गाइडलाइन बनाई है. नाम से ही समझ आ जाता है कि इसका मकसद बच्चों को पढ़ाई से डराना नहीं, उन्हें हंसाते-खेलाते सीखाना है. इन बैगलेस दिनों में बच्चे सिर्फ किताबें खोलते नहीं दिखेंगे, बल्कि करेंगे, समझेंगे और मजे-मजे में चीजें सीखेंगे. यहां गतिविधियां ऐसी होंगी जो बच्चों की सोच, क्रिएटिविटी और आत्मविश्वास को आसमान तक पहुंचा दें.

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वर्कशॉप, स्किल और ट्रिप पर फोकस

इन 10 दिनों में बच्चों के लिए मजेदार और काम की गतिविधियों का पूरा पैकेज तैयार है. स्किल-बेस्ड लर्निंग सेशन होंगे. जहां बच्चों को वो चीजें सिखाई जाएंगी जो जिंदगी में सच में काम आएंगी. इसके अलावा क्रिएटिव और थीम वर्कशॉप होगी, जिसमें बच्चे अपनी कल्‍पनाशक्ति के पंख खोलकर उड़ान भरेंगे.

इस प्रोग्राम के तहत एजुकेशनल ट्रिप भी कराए जाएंगे, जहां बच्चे किताबों से बाहर निकलकर असली दुनिया को जानेंगे. साथ ही ग्रुप एक्टिविटीज कराए जाएंगे, जिनमें teamwork और दोस्ती दोनों एक साथ मजबूत होंगे. इसे नई शिक्षा नीति (NEP 2020) की तर्ज पर तैयार किया गया है.

शनिवार बना ‘फन डे’

इस नए सिस्टम में शनिवार का मजा ही अलग है. इस दिन बच्चों को बिल्कुल अलग अंदाज में सीखने का मौका मिलेगा. कोई खेलने में व्यस्त होगा, कोई आउटडोर एक्टिविटी में, कोई पिकनिक के मजे लेगा और कोई स्पीच या डिबेट में अपनी धाक जमाएगा. हफ्ते का यह दिन बच्चों को पढ़ाई के टेंशन से बाहर निकालकर फ्रेश कर देगा.

इन बैगलेस दिनों का मकसद साफ है. बच्चों को आराम, मजा और समझ तीनों एक साथ देना. इससे बच्चे न सिर्फ पढ़ाई से जुड़े रहेंगे, बल्कि अपनी रुचियों को पहचानेंगे, नए दोस्त बनाएंगे और बेफिक्र होकर सीख सकेंगे. सरकार का कहना है कि इससे बच्चों का तनाव घटेगा और स्कूल आना उन्हें बोरिंग नहीं, बल्कि मजेदार लगेगा.

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