RSS Centenary Celebrations: पीएम मोदी की ऐतिहासिक पहल, जारी किया भारत माता की तस्वीर वाला 100 रुपये का सिक्का

RSS Centenary Celebrations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस शताब्दी समारोह में पहली बार भारत माता की तस्वीर वाला 100 रुपये का स्मारक सिक्का और विशेष डाक टिकट जारी किया. सिक्के पर राष्ट्रीय प्रतीक, वरद मुद्रा में शेर के साथ भारत माता और आरएसएस का नारा अंकित है. डाक टिकट पर 1963 की गणतंत्र दिवस परेड में आरएसएस की झलक दिखाई गई है. मोदी ने इसे आरएसएस की एक सदी लंबी सेवा और समर्पण को श्रद्धांजलि बताया. यह आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया गया.

By KumarVishwat Sen | October 1, 2025 8:11 PM

RSS Centenary Celebrations: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए विशेष डाक टिकट और भारत माता की तस्वीर वाला 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया. यह पहली बार है, जब भारतीय मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर अंकित की गई है. मोदी ने इस मौके को गर्व और ऐतिहासिक महत्व का क्षण बताया.

सिक्के पर भारत माता की भव्य छवि

100 रुपये के इस विशेष सिक्के पर एक तरफ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक और दूसरी तरफ वरद मुद्रा में शेर के साथ भारत माता की तस्वीर अंकित है. इसमें स्वयंसेवक भी श्रद्धा और समर्पण के भाव से नमन करते हुए दर्शाए गए हैं. सिक्के पर आरएसएस का प्रसिद्ध नारा “राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय, इदं न मम” भी लिखा गया है, जिसका अर्थ ‘सब कुछ राष्ट्र के लिए है, सब कुछ राष्ट्र का है, मेरा कुछ नहीं’ है.

डाक टिकट से जुड़ा ऐतिहासिक संदेश

इस अवसर पर जारी विशेष डाक टिकट भी महत्वपूर्ण संदेश देता है. इसमें 1963 के गणतंत्र दिवस परेड की तस्वीर दर्शाई गई है, जिसमें आरएसएस स्वयंसेवक पहली बार भाग ले रहे थे. यह डाक टिकट संगठन की ऐतिहासिक भूमिका और भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने–बाने में उसके योगदान को रेखांकित करता है.

पीएम मोदी का संबोधन और श्रद्धांजलि

सिक्का और डाक टिकट जारी करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह न केवल आरएसएस की शताब्दी को श्रद्धांजलि है, बल्कि भारत माता की एक सदी लंबी सेवा और समर्पण की यात्रा का सम्मान भी है. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह क्षण गर्व का है कि मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर अंकित की गई है.

समारोह में शामिल गणमान्य लोग

इस ऐतिहासिक समारोह का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया गया. इसमें आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे. सभी ने इस अवसर को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और राष्ट्रीय चेतना की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि बताया.

आरएसएस की स्थापना और योगदान

आरएसएस की स्थापना 1925 में नागपुर में केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी. संगठन का उद्देश्य नागरिकों में अनुशासन, सेवा, सांस्कृतिक जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना था. आज संगठन लाखों स्वयंसेवकों के माध्यम से समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहा है.

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पीएम मोदी और आरएसएस का जुड़ाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं भी आरएसएस से लंबे समय तक जुड़े रहे और एक प्रचारक के रूप में संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय रहे. बाद में उन्होंने भाजपा में प्रवेश कर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की. भाजपा की वैचारिक प्रेरणा का बड़ा स्रोत स्वयंसेवक संघ ही है, जिसने हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के सिद्धांतों को आगे बढ़ाया.

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