Labour Codes: कर्मचारियों और इंडस्ट्री के लिए गेम चेंजर होंगे लेबर कोड, फिक्की के नए चेयरमैन ने कही ये बात

Labour Codes: भारत में 29 पुराने कानूनों को मिलाकर बनाए गए चार लेबर कोड उद्योगों और कर्मचारियों के लिए बड़े बदलाव का रास्ता खोलते हैं. फिक्की चेयरमैन अनंत गोयनका ने इन्हें सरल कम्प्लायंस, बेहतर सुरक्षा, मजबूत सोशल सिक्योरिटी, महिलाओं के नाइट-शिफ्ट अधिकार और वर्कफोर्स मोबिलिटी का गेम चेंजर बताया है. नए कोड भारत को आधुनिक श्रम ढांचा देने की तैयारी में हैं.

By KumarVishwat Sen | December 3, 2025 7:19 PM

Labour Codes: आरपीजी ग्रुप के वाइस चेयरमैन और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के नए चेयरमैन अनंत गोयनका ने कहा कि भारत में उद्योगों और कर्मचारियों के लिए एक बड़ा बदलाव तैयारी में है. उन्होंने कहा कि 29 पुराने श्रम कानूनों को मिलाकर बनाए गए चार नए लेबर कोड न सिर्फ उद्योगों के कामकाज को सरल बनाएंगे, बल्कि कर्मचारियों के अधिकार, सुरक्षा और भविष्य को भी मजबूत करने जा रहे हैं.

लेबर कोड्स से सुधारों के नए युग की शुरुआत

फिक्की के नए चैयरमैन अनंत गोयनका के अनुसार, चारों लेबर कोड (वेजेज कोड, सोशल सिक्योरिटी कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी और हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन्स कोड) मौजूदा जटिल कानूनों की जगह लेकर भारत को एक सरल और आधुनिक श्रम ढांचा देने जा रहे हैं. उनका कहना है कि इन कोड्स से व्यवसायों खासकर एमएसएमई के लिए कम्प्लाइंस आसान होगा, जिससे उद्योगों का समय और लागत दोनों बचेंगे.

कर्मचारियों की सुरक्षा और अधिकार होंगे मजबूत

नए कोड्स का एक बड़ा लाभ कर्मचारियों को मिलने वाली सुरक्षा और सुविधाओं में सुधार है. गोयनका ने बताया कि इन सुधारों से कार्यस्थल पर सुरक्षा बेहतर होगी. महिलाओं को रात की पाली में काम करने की अनुमति सुरक्षा उपायों के साथ मिलेगी.

सेवानिवृत्ति लाभ मजबूत होंगे

उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक वर्कर्स सोशल सिक्योरिटी के दायरे में आएंगे. इसका सीधा अर्थ है कि भारत का श्रम ढांचा अधिक समावेशी, सुरक्षित और भविष्य-केंद्रित बनने की ओर है.

वर्कफोर्स मोबिलिटी और पारदर्शिता में सुधार

अनंत गोयनका के अनुसार, चारों कोड्स के लागू होने के बाद वर्कफोर्स प्रवासन आसान हो जाएगा. आज उद्योगों को कई राज्यों के अलग-अलग नियमों से जूझना पड़ता है, जिससे कामगारों की भर्ती, स्थानांतरण और दस्तावेजीकरण में बाधाएं आती हैं. उन्होंने कहा कि नए कोड्स, समान नियम, सरल प्रक्रिया और डिजिटल रिकॉर्ड के जरिए इस समस्या को काफी हद तक समाप्त कर देंगे.

काम के घंटों पर बहस

इन्फोसिस के नारायण मूर्ति द्वारा चीन के 9-9-6 मॉडल (सुबह 9 से रात 9 तक, सप्ताह में 6 दिन) का जिक्र करते हुए भारत में काम के लंबे घंटों पर बहस छिड़ी हुई है. इस पर गोयनका ने बहुत संतुलित राय रखी है. उनका मानना है कि सफलता के लिए मेहनत और समर्पण जरूरी है, लेकिन जीवन में संतुलन भी उतना ही महत्वपूर्ण है. किसी व्यक्ति की कार्य अवधि उसकी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा पर निर्भर करती है. उन्होंने यह भी कहा कि कॉरपोरेट्स को कार्य-जीवन संतुलन का सम्मान करना चाहिए.

सरकार के सुधार

अनंत गोयनका ने हाल के वर्षों में आयकर, जीएसटी और श्रम कानूनों में हुए सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार ने नियमन और सरलीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. फिक्की प्रमुख के अनुसार, कर सुधारों ने व्यवसायों के वित्तीय ढांचे को सरल बनाया है. जीएसटी ने टैक्स सिस्टम को एकीकृत किया. श्रम सुधारों ने कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को स्पष्टता दी. ये कदम भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं.

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सुधार की कहां है जरूरत

अनंत गोयनका ने स्पष्ट कहा कि श्रम सुधारों में प्रगति हुई है, लेकिन ऊर्जा और भूमि सुधार ऐसे क्षेत्र हैं, जहां और अधिक काम करने की जरूरत है. उन्होंने जोर दिया कि उद्योगों को विश्वस्तरीय ऊर्जा लागत और उपलब्धता चाहिए. भूमि अधिग्रहण और उपयोग के नियम सरल हों और राज्यों में ईज ऑफ डुईंग बिजनेस में एकरूपता आए. गोयनका का मानना है कि केंद्र सरकार का रुख तो सकारात्मक है, पर राज्य स्तर पर व्यापक सुधार जरूरी हैं.

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