जमशेदजी टाटा 20वीं सदी के सबसे परोपकारी शख्स, दान किये 102 अरब अमेरिकी डॉलर
नयी दिल्ली : टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी नसरवानजी टाटा (Jamsetji Tata) हुरुन रिपोर्ट व एडेलगिव फाउंडेशन की सूची में दुनिया के सबसे परोपकारी शख्स बने हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के उद्योगपति जमशेदजी टाटा 102 अरब अमेरिकी डॉलर दान दिया है. इस सूची शामिल जमशेदजी टाटा बिल गेट्स और उनकी पूर्व पत्नी मेलिंडा जैसे दूसरे लोगों से काफी आगे हैं. इस सूची में एक अन्य भारतीय में विप्रो के अजीम प्रेमजी का नाम शामिल है.
नयी दिल्ली : टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी नसरवानजी टाटा (Jamsetji Tata) हुरुन रिपोर्ट व एडेलगिव फाउंडेशन की सूची में दुनिया के सबसे परोपकारी शख्स बने हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के उद्योगपति जमशेदजी टाटा 102 अरब अमेरिकी डॉलर दान दिया है. इस सूची शामिल जमशेदजी टाटा बिल गेट्स और उनकी पूर्व पत्नी मेलिंडा जैसे दूसरे लोगों से काफी आगे हैं. इस सूची में एक अन्य भारतीय में विप्रो के अजीम प्रेमजी का नाम शामिल है.
50 लोगों की इस सूची में 38 लोग अमेरिकी है. ब्रिटेन के पांच और चीन के तीन लोग शामिल है. सूची में शामिल लोगों में 37 लोगों का निधन हो चुका है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मुख्य शोधकर्ता रूपर्ट हुगवेर्फ ने कहा कि भले ही अमेरिकी और यूरोपीय लोग पिछली शताब्दी में परोपकार की सोच के लिहाज से आगे रहे हों, लेकिन भारत के टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी व्यक्ति हैं.
टॉप 10 की सूची में टाटा इकलौता भारतीय हैं. 12 वें स्थान पर विप्रो के अजीम प्रेमजी हैं. बिल गेट्स और मेलिंडा फ्रेंच गेट्स, हेनरी वेलकम, हॉवर्ड ह्यूजेस और वॉरेन बफेट शीर्ष 5 में शामिल हैं. जेफ बेजोस की पूर्व पत्नी मैकेंजी स्कॉट ने सीधे चैरिटी के लिए 8.5 बिलियन डॉलर का दान दिया, जो एक जीवित दान दाता द्वारा एक वर्ष में सबसे अधिक है.
कपास और पिग आयरन उद्योग के भीतर अपने उद्यमों के लिए पहचाने जाने वाले जमशेदजी टाटा ने जमशेदपुर में टाटा आयरन एंड स्टील वर्क्स कंपनी (टिस्को) की स्थापना की. जिसे अब जमशेदपुर में टाटा स्टील के नाम से जाना जाता है. 1907 में स्थापित, टाटा स्टील अब भारत, नीदरलैंड और यूके सहित 26 देशों में काम करती है, और रिपोर्टों के अनुसार, इसमें लगभग 80,500 लोग कार्यरत हैं.
अजीम प्रेमजी, शीर्ष 50 में अन्य भारतीय, 2010 में गिविंग प्लेज पर हस्ताक्षर करने वाले पहले भारतीय थे और तब से प्रेमजी ने विप्रो का 67 फीसदी अजीम प्रेमजी एंडोमेंट फंड में स्थानांतरित कर दिया. 2001 में स्थापित, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन भारत में ग्रामीण सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा प्रणाली का समर्थन करता है और इसकी लागत 21 बिलियन अमेरिकी डॉलर है. अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने विप्रो के साथ मिलकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में 150 मिलियन डॉलर का दान दिया है.
Posted By: Amlesh Nandan.