Indigo Share Price: उड़ान रद्द होने से IndiGo को कितना नुकसान? मुनाफे, भरोसे और शेयरों पर असर

Indigo Share Price: लगातार उड़ान रद्द होने से IndiGo गंभीर ऑपरेशनल संकट में है. दो दिनों में 300 से ज्यादा फ्लाइट कैंसल हुईं, DGCA ने जांच शुरू की है और शेयरों पर दबाव बढ़ा है. यात्रियों का भरोसा कमजोर पड़ रहा है, जो कंपनी के लिए बड़ा खतरा बनता दिख रहा है.

By Abhishek Pandey | December 4, 2025 1:25 PM

Indigo Share Price: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo इन दिनों एक साथ कई मोर्चों पर चुनौती झेल रही है. दिसंबर की शुरुआत में सिर्फ दो दिनों के भीतर 300 से ज्यादा उड़ानें रद्द होने से न केवल यात्रियों को भारी परेशानी हुई, बल्कि कंपनी के ऑपरेशनल प्रदर्शन, प्रतिष्ठा और शेयर बाजार की स्थिति पर भी इसका असर साफ नजर आया.

उड़ानें क्यों रद्द करनी पड़ीं?

एयरलाइन के मुताबिक, उड़ान रद्दीकरण के पीछे कई कारण एक साथ उभरे. इनमें क्रू की कमी, नए FDTL (Flight Duty Time Limitation) नियमों का लागू होना, तकनीकी गड़बड़ियां, खराब मौसम और प्रमुख एयरपोर्ट्स पर ट्रैफिक कंजेशन शामिल हैं. इन सबका संयुक्त असर IndiGo के शेड्यूल पर पड़ा और बड़ी संख्या में फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा.

कमाई और मुनाफे पर सीधा असर

विश्लेषकों का अनुमान है कि इन रद्दीकरणों से IndiGo के परिचालन मुनाफे में करीब ₹16.9 करोड़ की गिरावट आ सकती है. हालांकि, यह नुकसान कंपनी की तिमाही (Q3) कमाई का 1% से भी कम माना जा रहा है. उड़ानें रद्द होने से ईंधन और मेंटेनेंस जैसे कुछ वेरिएबल खर्च बचे, जिससे वित्तीय नुकसान आंशिक रूप से संतुलित हो गया. इसके बावजूद, लगातार रुकावटें बिज़नेस के लिए चिंता का संकेत हैं.

यात्रियों का भरोसा और साख पर असर

IndiGo रोजाना औसतन 2,200–2,300 उड़ानों का संचालन करती है. इनमें से करीब 7–8% उड़ानें रद्द होना यात्रियों के अनुभव पर गहरा असर डालता है. नवंबर 2025 में ही कंपनी ने 1,232 उड़ानें रद्द की थीं, जिससे ऑन-टाइम परफॉर्मेंस घटकर करीब 35% रह गई. बार-बार की देरी और कैंसिलेशन से यात्रियों का भरोसा कमजोर हुआ है, वहीं रिफंड और री-बुकिंग ने एयरलाइन के कैश फ्लो पर भी दबाव बढ़ाया है.

DGCA की जांच से बढ़ी नियामकीय चिंता

उड़ानों के बड़े पैमाने पर रद्द होने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय DGCA ने IndiGo से जवाब तलब किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि जांच के नतीजों के आधार पर कंपनी पर अतिरिक्त अनुपालन (कम्प्लायंस) बोझ पड़ सकता है. यह स्थिति इसलिए भी अहम है क्योंकि घरेलू विमानन बाजार में IndiGo की लगभग 60% हिस्सेदारी है. कंपनी ने हालात काबू में करने के लिए अगले 48 घंटों में उड़ान शेड्यूल में बदलाव और संचालन को स्थिर करने की योजना बनाई है. प्रबंधन का कहना है कि प्राथमिकता यात्रियों पर असर कम करने और भरोसा बहाल करने की है.

शेयर बाजार में दिखा असर

IndiGo की पैरेंट कंपनी InterGlobe Aviation के शेयरों पर भी इस संकट का असर पड़ा.
3 दिसंबर को शेयर ₹5,595.50 पर बंद हुए, जबकि 4 दिसंबर को वे ₹5,529.50 पर खुले और दिन में ₹5,405 तक फिसल गए. कारोबार के दौरान करीब 5.5 लाख शेयरों की ट्रेडिंग हुई. बाद में शेयर ₹5,556.50 पर करीब 0.7% की गिरावट के साथ कारोबार करते दिखे. हाल के सत्रों में यह स्टॉक 2–3% तक टूटा और Nifty के कमजोर प्रदर्शन करने वाले शेयरों में शामिल रहा, हालांकि सालाना आधार पर इसमें अब भी बढ़त बनी हुई है.

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