आयकर विभाग की वेबसाइट ठप, सरकार ने लिया सख्त फैसला

nirmala sitharaman आयकर विभाग की वेबसाइट का इस्तेमाल करने वाले भी लगातार सरकार से शिकायत कर रहे हैं. सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इन्फोसिस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख को सोमवार को तलब किया है. income tax new portal news today

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2021 7:24 AM

आयकर विभाग की नयी वेबसाइट में लगातार समस्या आ रही है. वेबसाइट पिछले दो दिनों से काम नहीं कर रहा है. ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आयकर विभाग की वेबसाइट का इस्तेमाल करने वाले भी लगातार सरकार से शिकायत कर रहे हैं. अब इस मामले में वित्त मंत्रालय ने कार्रवाई करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इन्फोसिस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख को सोमवार को तलब किया है.

पारेख को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है. उन्हें वित्त मंत्री को बताना होगा कि दो महीने बाद भी पोर्टल पर समस्याएं क्यों कायम हैं और उनका हल क्यों नहीं हो पा रहा.

Also Read: अब दो साल रिटर्न दायर नहीं करने वालों को देना पड़ेगा डबल टैक्स, आयकर विभाग का नया प्रावधान लागू

इस बीच, कंपनी ने देर शाम एक ट्वीट में कहा कि पोर्टल का आपातकालीन रखरखाव संबंधी कार्य पूरा हो गया है और साइट काम कर रही है. इन्फोसिस द्वारा विकसित नए आयकर दाखिल करने के पोर्टल ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.इनकमटैक्स.जीओवी.इन’ को सात जून को शुरू किया गया था.

शुरुआत से ही पोर्टल को लेकर दिक्कतें आ रही हैं. प्रयोगकर्ता लगातार इस बात की शिकायत करते रहे हैं कि या तो पोर्टल अनुपलब्ध है या काफी धीमी रफ्तार से काम कर रहा है. इसी के मद्देनजर आयकर विभाग ने रेमिटेंस फॉर्म को मैनुअल तरीके से दाखिल करने की अनुमति दी है.

साथ ही इलेक्ट्रॉनिक तरीके से फॉर्म जमा करने की तारीख को आगे बढ़ाया है. यह पोर्टल 21 अगस्त से ‘उपलब्ध नहीं’ है. इसके बावजूद भी कई तरह की समस्या है. इसे लेकर अब सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. वेबसाइट में क्या समस्या है, कबतक ठीक होगी इसे लेकर सारे सवालों के जवाब कंपनी के सीईओ को सरकार के पास रखनी होगी.

Also Read: बेनामी संपत्ति पर आयकर विभाग की नजर, जल्द ही बिहार में कुछ बड़े लोगों पर कार्रवाई संभव

पोर्टल के कामकाज के तकनीकी मुद्दों की बात को स्वीकार किया है। इन्फोसिस को अगली पीढ़ी की आयकर दाखिल करने वाली प्रणाली विकसित करने का अनुबंध 2019 में मिला था। जून, 2021 तक सरकार ने इन्फोसिस को पोर्टल के विकास के लिए 164.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

Next Article

Exit mobile version