PM Awas Yojana Urban 2.0: LIG-MIG घर बनाने के लिए होम लोन पर सब्सिडी दे रही सरकार, ये हैं क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के फायदे
PM Awas Yojana Urban 2.0: सरकार पीएम आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत एलआईजी, एमआईजी, ईडब्ल्यूएस वर्गों को घर बनाने और खरीदने के लिए होम लोन पर सब्सिडी दे रही है. क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) से ब्याज दर कम होती है और ईएमआई घटती है. ईडब्ल्यूएस-एलआईजी को 6.5% और एमआईजी को 3%–4% तक सब्सिडी मिलती है, जिससे अपना घर बनाना आसान और किफायती हो जाता है.
PM Awas Yojana Urban 2.0: घर बनाना हर आदमी की चाहत होती है, लेकिन कई बार पैसों की कमी की वजह से आदमी अपना घर नहीं बना पाता. हालांकि, देश के सरकारी और प्राइवेट बैंक घर बनाने के लिए होम लोन देते हैं, लेकिन उनकी प्रक्रिया ही इतनी जटिल है कि आदमी थक-हारकर घर बनाने का सपना देखना ही छोड़ देता है. सरकार ने ऐसे ही लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की है.
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत सरकार शहरी गरीबों, निम्न आय वर्ग (एलआईजी), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के लिए होम लोन पर सब्सिडी दे रही है. इस योजना का सबसे प्रमुख हिस्सा क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) है. इस स्कीम का उद्देश्य है कि हर परिवार को सस्ती ब्याज दर पर घर बनाने या खरीदने का अवसर मिले. सीएलएसएस के माध्यम से सरकार सीधे लोन अकाउंट में ब्याज सब्सिडी ट्रांसफर करती है, जिससे ईएमआई भी काफी कम हो जाती है.
सीएलएसएस कैसे कम करता है होम लोन की ईएमआई?
क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत प्राथमिक ऋण संस्थान (पीएलआई) उधारकर्ता के लोन अकाउंट में ब्याज सब्सिडी पहले ही क्रेडिट कर देता है. इसका सीधा असर ईएमआई पर पड़ता है. ईएमआई काफ कम हो जाती है और लोन का बोझ हल्का होता है. सब्सिडी की गणना नेट प्रीजेंट वैल्यू (एनपीवी) आधार पर की जाती है. इसके लिए 9% डिस्काउंट रेट लागू किया जाता है. सब्सिडी सीधे बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के माध्यम से लोन में एडजस्ट की जाती है.
ईडब्ल्यूएस-एलआईजी के लिए सीएलएसएस की खासियत
ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और एलआईजी (निम्न आय वर्ग) इस योजना के मुख्य लाभार्थी हैं.
- सब्सिडी की ब्याज दर: 6.5%
- सब्सिडी की अवधि: अधिकतम 20 वर्ष
- लोन सीमा जिस पर सब्सिडी मिलेगी: 6 लाख रुपये तक
- 6 लाख से ऊपर लिया गया अतिरिक्त लोन सामान्य (नॉन-सब्सिडाइज्ड) दर पर होगा.
किन कार्यों के लिए मिल सकता है लोन?
- नया घर बनाना
- मौजूदा घर में कमरा, किचन, बाथरूम जोड़ना
- घर का विस्तार करना
कितना कारपेट एरिया होना चाहिए?
- ईडब्ल्यूएस: 30 वर्गमीटर
- एलआईजी: 60 वर्गमीटर
हालांकि लाभार्थी इससे बड़े एरिया का घर बना सकते हैं, लेकिन सब्सिडी केवल पहले 6 लाख रुपये तक के लोन पर ही लागू होगी.
मिडिल क्लास को राहत देती है एमआईजी के लिए सीएलएसएस
सरकार की यह स्कीम न सिर्फ गरीब और निम्न आय वर्ग के लिए है, बल्कि मिडिल इनकम ग्रुप को भी बड़े स्तर पर राहत देती है. एमआईजी को दो श्रेणियों एमआईजी-I और एमआईजी-II में बांटा गया है.
एमआईजी-I (सालाना 6 लाख से 12 लाख रुपये तक आय)
- लोन पर सब्सिडी: 4%
- लोन पात्रता (सब्सिडी के लिए): 9 लाख रुपये तक
- 9 लाख रुपये से ऊपर का लोन नॉन-सब्सिडाइज्ड होगा
- कारपेट एरिया: 160 वर्गमीटर
एमआईजी-II (सालाना 12 लाख से 18 लाख तक आय)
- मिडिल क्लास: 3%
- लोन पात्रता (सब्सिडी के लिए): 12 लाख रुपये तक
- इससे अधिक का लोन सामान्य ब्याज दर पर
- कारपेट एरिया: 200 वर्गमीटर
एमआईजी के लिए भी सब्सिडी अधिकतम 20 वर्ष की लोन अवधि या वास्तविक लोन अवधि (जो कम हो) के आधार पर दी जाती है.
कौन करता है निगरानी?
सीएलएसएस का सुचारु संचालन तीन प्रमुख केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) के माध्यम से किया जाता है.
- नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी)
- हुडको
- भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)
ये संस्थाएं सब्सिडी को लोन प्रदान करने वाली कंपनियों तक पहुंचाती हैं और पूरे कार्यक्रम की प्रगति पर नज़र रखती हैं. आगे चलकर मंत्रालय अतिरिक्त संस्थाओं को सीएनए के रूप में अधिसूचित कर सकता है.
स्कीम की एक महत्वपूर्ण शर्त
पीएमएवाई के तहत लाभार्थी केवल एक ही कंपोनेंट के तहत फायदा उठा सकते हैं. यानी यदि सीएलएसएस का लाभ लिया है, तो पीएमएवाई के किसी अन्य कंपोनेंट (जैसे बेनिफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन, अफॉर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप इत्यादि) का लाभ नहीं मिलेगा.
सीएलएसएस स्कीम के फायदे
- ईएमआई कम हो जाती है: सब्सिडी सीधे लोन में एडजस्ट होने से मासिक किस्त कम होती है.
- लोन लेने की क्षमता बढ़ती है: कम ब्याज के कारण लाभार्थी थोड़ा बड़ा घर लेने पर विचार कर सकता है.
- हर वर्ग को लाभ: गरीब, निम्न आय और मध्यम आय तीनों वर्गों को सब्सिडी मिलती है.
- घर निर्माण को बढ़ावा: देश में शहरी आवास की कमी को कम करने में मदद मिलती है.
- बिना अतिरिक्त कागजी झंझट के लाभ: बैंक ही आपकी सब्सिडी को आगे बढ़ाता है, अलग से कोई प्रक्रिया नहीं.
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सस्ती ईएमआई के साथ अपना घर आसान
पीएमएवाई की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) ने लाखों परिवारों के लिए घर खरीदने या बनाने का रास्ता आसान किया है. चाहे आप ईडब्ल्यूएस, एलआईजी से हों या एमआईजी से यह स्कीम सरकार की सबसे प्रभावी आवास योजनाओं में से एक है, जो कम ब्याज, कम ईएमआई और बड़े लाभों के साथ हर परिवार को घर के लक्ष्य को वास्तविकता के करीब ला रही है.
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