चीन की नापाक हरकत : कोरोना वैक्सीन का फॉर्मूला चुराने की फिराक में चाइनीज हैकर्स, भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट पर साधा निशाना

साइबर इंटेलीजेंस फर्म सायफर्मा ने चीन के इस नापाक इरादे का खुलासा किया है. समाचार एजेंसी रायटर्स की खबर के अनुसार, चीन के हैकरों ने भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को ही अपना निशाना बनाने का नाकाम प्रयास किया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 2, 2021 1:15 PM
  • साइबर इंटेलीजेंस फर्म सायफर्मा ने चीन के इस नापाक इरादे का किया खुलासा

  • भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने और बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम से चिढ़ा है चीन

  • चीन पर पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाने का भी है आरोप

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ अपनी सेना के जवानों की हिंसक झड़प करवाकर सीमा विवाद खड़ा करने वाला चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. इस बार उसने सीमा सेना को भेजकर विवाद खड़ा नहीं किया है, बल्कि अपने हैकरों के जरिए भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों पर ही निशाना साधने की नाकाम कोशिश की है. दुनिया भर में कोरोना संक्रमण को फैलाने का आरोप झेल रहे चीन की नजर अब भारत में बनने वाली वैक्सीन पर टिकी है.

समाचार एजेंसी रायटर्स के हवाले से मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, साइबर इंटेलीजेंस फर्म सायफर्मा ने चीन के इस नापाक इरादे का खुलासा किया है. समाचार एजेंसी रायटर्स की खबर के अनुसार, चीन के हैकरों ने भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को ही अपना निशाना बनाने का नाकाम प्रयास किया है.

चीन की सरकार की ओर से समर्थित हैकरों ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के टीकों के फॉमूले को चुराने का प्रयास किया था. इन दोनों कंपनियों की वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सीन ही भारत में लोगों को लगाए जा रहे हैं. गोल्डमैन सैक्स से जुड़ी कंपनी सायफर्मा के अनुसार, चीनी हैकिंग ग्रुप एपीटी10 (APT10) ने वैक्सीन कंपनियों के आईटी इन्फ्रटास्ट्रक्चर में सेंध लगाई थी.

गौरतलब है कि भारत दुनिया में बिक्री होने वाले कुल टीकों का करीब 60 फीसदी से अधिक उत्पादन करता है. दुनिया भर में कोरोना संक्रमण फैलाने का आरोप झेल रहे चीन को इसी बात से चिढ़ है कि भारत में उससे पहले न केवल कोरोना वैक्सीन को तैयार कर दिया गया, बल्कि बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम भी चलाया जा रहा है. इतना ही नहीं, उसे इस बात से भी चिढ़ है कि भारत की वैक्सीन मांग पूरी दुनिया में है और दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील समेत कई देशों में उसकी खेप भेजने के लिए द्विपक्षीय समझौता भी हुआ है.

सायफर्मा ने कहा कि चीनी हैकिंग ग्रुप एपीटी10 को स्टोन पांडा के नाम से भी जाना जाता है. सायफर्मा ने बताया कि एपीटी10 ने भारत बायोटेक और दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन को बाधित करने की कोशिश की थी. ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई-6 के शीर्ष अधिकारी रह चुके और सायफर्मा के सीईओ रितेश ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य बौद्धिक संपदा में घुसपैठ और भारतीय दवा कंपनियों पर बढ़त हासिल करना है.

उन्होंने कहा कि एपीटी10 सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को प्रभावी तौर पर अपना निशाना साध रहा है. दरअसल, सीरम कंपनी कई देशों के लिए एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का उत्पादन कर रही है और जल्द ही ये बड़े पैमाने पर ‘नोवावैक्स’ का भी उत्पादन करेगी. हैकरों को सीरम कंपनी के कई कमजोर सर्वर मिले हैं. रितेश ने कहा कि ये काफी चिंताजनक है.

सबसे बड़ी बात यह भी है कि चीन से जब हैकरों की इस हरकत के बारे में पूछा गया, उसने साइबर हमले को लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. गौरलतब है कि चीनी हैकर्स ने मुंबई में साइबर अटैक कर बिजली आपूर्ति ठप करने की साजिश भी रची थी. चीन अपनी इस हरकत से सीमा विवाद को लेकर भारत को कड़ा संदेश देना चाहता था.

Also Read: देश के करीब आधे सांसदों को दूसरे चरण में दी जा सकती है कोरोना वैक्सीन, 777 सांसदों में से 366 सांसद 60 साल से ऊपर

Posted by : Vishwat Sen

Next Article

Exit mobile version