टैक्सपेयर्स की शिकायतों पर निर्मला सीतारमण ने CBDT और CBIC को लगाई फटकार, दिया ये जरूरी निर्देश

Taxpayers in India केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सीबीडीटी और सीबीआईसी को फटकार लगाई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स बोर्डों को फटकार लगाते हुए उन्हें निर्देश देते हुए कहा कि कर अधिकारी शनिवार का दिन शिकायतों की सुनवाई के लिए सुरक्षित रखें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2022 9:57 PM

Taxpayers India News केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को सीबीडीटी (CBDT) और सीबीआईसी (CBIC) को फटकार लगाई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं की शिकायतों पर कथित रूप से ध्यान नहीं देने के लिए आज टैक्स बोर्डों को फटकार लगाते हुए उन्हें निर्देश देते हुए कहा कि कर अधिकारी शनिवार का दिन शिकायतों की सुनवाई के लिए सुरक्षित रखें.

जानिए क्या है वजह

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां बजट-बाद परिचर्चा के दौरान कर कटौती से जुड़े एक सवाल पर उक्त प्रतिक्रिया दी. कर्नाटक बैंक के महाप्रबंधक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) मुरलीधर राव ने माल एवं सेवा कर (GST) अधिनियम के कुछ प्रावधानों और प्रत्यक्ष कर कटौतियों के बारे में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी. इस सवाल पर कर बोर्डों के अधिकारियों के जवाब देने से पहले ही निर्मला सीतारमण ने दखल देते हुए कहा कि मैं यह जानने को उत्सुक हूं कि क्या सीबीआईसी और सीबीडीटी के अधिकारी यहां मौजूद हैं? क्या आप अपने करदाता के संपर्क में रहते हैं? ये ऐसे सवाल नहीं हैं जिन पर वित्त मंत्रालय के सचिव यहां बैठकर स्थिति स्पष्ट करें. यह काम कर बोर्डों का है.

शनिवार का दिन खाली रखें सीबीडीटी और सीबीआईसी

साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं अब सीबीडीटी और सीबीआईसी को यह कहूंगी कि शनिवार का दिन खाली रखें और करदाताओं के साथ बात करें और सभी जरूरी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करें. उन्होंने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानि सीबीडीटी और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड यानि सीबीआईसी के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे करदाताओं के साथ कर कानूनों में मौजूद खामियों एवं नीतियों में जरूरी संशोधनों पर चर्चा करें. इससे वित्त विधेयक में जरूरी कर संशोधन तैयार करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि बजट पर आयोजित इस परिचर्चा कार्यक्रम में पूछे गए अधिकांश सवालों के संबंध कर बोर्डों से जुड़े हुए हैं, जबकि दोनों ही बोर्ड इनसे निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं

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