NCLAT ने ईडी को भूषण पावर एंड स्टील की कुर्क संपत्ति मुक्त करने का दिया निर्देश

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भूषण पावर एंड स्टील (बीपीएसएल) की कुर्क की गयी संपत्ति को मुक्त करने को कहा है. साथ ही, न्यायाधिकरण ने निर्देश दिया है कि बिना उसकी मंजूरी के आगे कंपनी की संपत्ति कुर्क नहीं की जाए. अपीलीय न्यायाधिकरण ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 14, 2019 5:11 PM

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भूषण पावर एंड स्टील (बीपीएसएल) की कुर्क की गयी संपत्ति को मुक्त करने को कहा है. साथ ही, न्यायाधिकरण ने निर्देश दिया है कि बिना उसकी मंजूरी के आगे कंपनी की संपत्ति कुर्क नहीं की जाए. अपीलीय न्यायाधिकरण ने इसके साथ ही जेएसडब्ल्यू स्टील द्वारा कंपनी के अधिग्रहण के लिए किये जाने वाले 19,700 करोड़ का भुगतान फिलहाल स्थगित रखने को कहा है. जेएसडब्ल्यू को भूषण पावर एंड स्टील के अधिग्रहण के एवज में इस राशि का भुगतान करना है.

एनसीएलएटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय को फटकार लगाते हुए कहा कि यदि एजेंसी इस तरह से काम करेगी, तो दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) विफल हो जायेगी. पीठ ने ईडी के साथ सीबीआई को दो दिन में जवाब देने का निर्देश दिया है. ईडी ने पूर्व प्रवर्तकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भूषण पावर एंड स्टील (बीपीएसएल) की संपत्ति जब्त की थी.

न्यायाधिकरण ने कहा कि आईबीसी को इस तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है. मनी लॉन्ड्रिंग किसी एक व्यक्ति द्वारा की जाती है. एनसीएलएटी ने कहा कि कॉरपोरेट कर्जदार की संपत्ति को कुर्क करना ईडी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. खासकर तब जब संपत्ति को कुर्क करने से संबंधित अर्जी लंबित हो. न्यायाधिकरण ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की है.

इस बीच, एनसीएलएटी ने जीएसडब्ल्यू स्टील से कर्ज बोझ तले दबी बीपीएसएल के लिए लगायी गयी बोली की रकम का भुगतान अगले आदेश तक नहीं करने का निर्देश दिया है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने पांच सितंबर को भूषण पावर एंड स्टील के अधिग्रहण के लिए जेएसडब्ल्यू स्टील की 19,700 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दी थी. हालांकि, जीएसडब्ल्यू ने बीपीएसएल के पूर्व प्रवर्तकों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच से बचने के लिए एनसीएलएटी का दरवाजा खटखटाया था.

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