तेजस्वी यादव ने आखिर किसे बताया भीष्म पितामह, बोले- राजद SIR के खिलाफ नहीं, इस मामले में अभी भी जारी है सियासी घमासान 

Tejashwi Yadav on SIR: पटना में SIR को लेकर सियासी टकराव तेज हो गया है. भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने इसे सफल और पूरे देश के लिए जरूरी बताया, जबकि राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसके लागू होने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए. चुनावी माहौल में SIR बड़ा मुद्दा बन रहा है.

By Nishant Kumar | September 11, 2025 3:32 PM

Tejashwi Yadav on Nitish Kumar: पटना से एक बड़ी राजनीतिक बहस सामने आई है, जहां भाजपा और राजद नेताओं ने SIR को लेकर तीखे बयान दिए हैं. भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने इसे बिहार और देश के लिए उपयोगी बताया तो वहीं राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसके लागू होने की प्रक्रिया और राज्य सरकार के काम करने पर सवाल उठाए.

तेजस्वी यादव ने क्या कहा ? 

राजद नेता तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताते हुए कहा कि अदालत के SIR में आधार को पहचान पत्र के रूप में मान्यता देना उनकी बड़ी जीत है. उन्होंने साफ किया कि राजद SIR के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसके लागू करने के तरीके पर आपत्ति है. यादव ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में अपराध तेजी से बढ़ रहा है और मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं.

तेजस्वी ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप 

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार में एक भी दिन ऐसा नहीं जाता जब अपराध की घटना न हो. उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए उन्हें “भिष्म पितामह” करार दिया और कहा कि सेवानिवृत्त अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर सरकार जनता की गाढ़ी कमाई लूट रही है. यादव ने चेतावनी दी कि जनता आगामी विधानसभा चुनाव में इसका करारा जवाब देगी.

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शाहनवाज हुसैन ने क्या कहा ? 

वहीं दूसरी ओर, शाहनवाज हुसैन ने पटना में बातचीत करते हुए कहा कि बिहार में SIR का प्रयोग सफल रहा है और इसे पूरे देश में लागू होना चाहिए. उन्होंने विपक्ष पर दुष्प्रचार का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि SIR से जुड़ी अफवाहें गलत थीं. हुसैन के मुताबिक, आम लोगों को इससे कोई परेशानी नहीं हुई और सबके नाम शामिल हो गए हैं. केवल वे लोग, जो विदेश से आकर अवैध दस्तावेज पर बसे थे, उनके नाम काटे गए हैं. उन्होंने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और जनता को गुमराह करने की साजिश है.

बिहार में SIR पर जारी है घमासान 

इस तरह, SIR को लेकर बिहार की राजनीति में एक बार फिर घमासान छिड़ गया है. भाजपा जहां इसे नागरिकों की पहचान और व्यवस्था के लिए अहम मान रही है, वहीं राजद इसके क्रियान्वयन और सरकार की नीयत पर सवाल उठाकर जनता के बीच माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. चुनावी मौसम नजदीक आते ही यह मुद्दा सियासी बहस का केंद्र बनने की पूरी संभावना दिखा रहा है.