Bihar Elections 2025: बिहार को गिफ्ट देने ही नहीं सीमांचल की 24 सीटों को साधने पूर्णिया आ रहे हैं पीएम मोदी, जानें NDA की कहां है नजर
Bihar Elections 2025: पीएम मोदी सोमवार को बिहार के पूर्णिया में होंगे. यह पिछले 3 हफ्ते में उनका दूसरा दौरा है. पीएम मोदी इस दौरे से सीमांचल की 24 सीटों को साधेंगे. पीएम मोदी यहां से बिहार को लगभग 35 हजार करोड़ की सौगात भी देने वाले हैं.
Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. मतदाताओं को साधने के लिए सभी दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं. एक ओर एनडीए फिर से सत्ता में वापसी के लिए पूरी कोशिश में जुटा है, वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन भी चुनावी मैदान में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. इस बीच सबसे ज्यादा राजनीतिक हलचल सीमांचल क्षेत्र में देखने को मिल रही है.
15 सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्णिया से करीब 35000 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं की सौगात देंगे. इसमें पूर्णिया एयरपोर्ट पर नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन और राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की शुरुआत जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल हैं. यह इस साल बिहार में उनका सातवां दौरा है.
महागठबंधन ने दिया था एकजुटता का संदेश
एनडीए जहां विकास योजनाओं को केंद्र में रखकर प्रचार कर रहा है, वहीं महागठबंधन अपनी एकजुटता दिखाने में जुटा है. हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कटिहार का दौरा कर किसानों को मदद और मखाना बोर्ड की घोषणा की थी. इसके बाद अब पीएम मोदी का सीमांचल दौरा हुआ. दूसरी ओर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के जरिए मतदाताओं तक पहुंच बनाने की कोशिश की है. इस यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने सीमांचल की आठ विधानसभा सीटों को कवर किया था.
पूर्णिया पहुंची इस यात्रा के दौरान पप्पू यादव और तेजस्वी यादव की नजदीकियां भी चर्चा में रहीं. पप्पू यादव पहले आरजेडी से नाराज होकर अलग राह पर चले गए थे, लेकिन इस मौके पर दोनों के रिश्तों में गर्माहट दिखी थी. राहुल गांधी ने भी अपने भाषणों में बेरोजगारी, खेती और शिक्षा जैसे मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार को घेरा.
ओवैसी और प्रशांत किशोर क्या कर रहे
सीमांचल में एआईएमआईएम और जन सुराज की मौजूदगी की भी चर्चा है. विधानसभा चुनाव 2020 में एआईएमआईएम ने यहां 5 सीटें जीती थीं. बाद में 4 विधायक आरजेडी में शामिल हो गए. पार्टी अब फिर से पुराने असर को वापस पाने की कोशिश कर रही है और मुस्लिम वोटों के पर दांव लगा रही है.
दूसरी तरफ, प्रशांत किशोर लगातार सीमांचल का दौरा कर रहे है. हर भाषण में वो कह रहे हैं कि अब तक की सरकारों ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया और वे विकास के जरिए हालात बदलेंगे. उन्होंने रूपौली, कस्बा, बैसी और बनमनखी जैसे इलाकों में खास फोकस किया है. अगर किशोर मुस्लिम वोटों में सेंध लगा पाएंगे तो इससे महागठबंधन को नुकसान और एनडीए को फायदा मिल सकता है.
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2015 और 2020 के चुनावी नतीजे
2015 में जब नीतीश और तेजस्वी साथ थे तब महागठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया था. इस चुनाव में राजद ने 9, जदयू ने 5 और कांग्रेस ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी केवल 5 सीटों पर सिमट गई थी.
वहीं, 2020 में बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस ने इस चुनाव में भी अपने प्रदर्शन को बरकरार रखा को 5 सीटों पर जीत दर्ज की. इस चुनाव में जदयू को 4 और राजद को केवल 1 सीट मिली.
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क्या है समीकरण
सीमांचल में बिहार के 4 जिले आते हैं. इनमें किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया शामिल है. चार जिलों में टोटल 24 विधानसभा सीटें हैं. सबसे ज्यादा मुस्लिम किशनगंज में है. यहां मुस्लिम मतदाता की संख्या 68%, अररिया में 43%, कटिहार में 44% और पूर्णिया में 38% है.
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