अनंत सिंह और पीयूष प्रियदर्शी का काफिला आ गया आमने-सामने, फिर मारपीट शुरू, दुलारचंद हत्याकांड में क्या-क्या हुआ
Murder in Mokama: पटना जिले के मोकामा टाल इलाके में गुरुवार को जनसुराज प्रत्याशी के समर्थक बाहुबली दुलारचंद यादव (70) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना चुनाव प्रचार के दौरान हुई. इससे इलाके में तनाव फैल गया है. परिजनों ने हत्या का आरोप एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर लगाया है.
Murder in Mokama: मोकामा टाल के बाहुबली दुलारचंद यादव की गुरुवार को गोली मार कर हत्या कर दी गयी. यह घटना भदौर थाने के बसावनचक गांव के पास जनसुराज पार्टी के मोकामा से प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी का चुनाव प्रचार करने के दौरान घटित हुई. घटना के बाद इलाके में तनाव है. पूरे इलाके को पुलिस और अर्धसैनिक बलों की छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
चुनाव को लेकर आपसी संघर्ष में पटना जिले में हत्या की यह पहली घटना है. घटनास्थल पर पटना पुलिस के आलाधिकारी के साथ ही स्थानीय पुलिस पदाधिकारी कैंप कर रहे हैं. दुलारचंद यादव घोसवरी के तारतार गांव के रहने वाले थे. दुलारचंद यादव के परिजनों ने हत्या करने का आरोप एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर लगाया है. परिजनों का कहना है कि पैर में गोली मारने के बाद उनके शरीर पर गाड़ी चढ़ा दी गयी.
काफिला आ गया आमने-सामने
गुरुवार को एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह अपने काफिला के साथ तारतार पंचायत में चुनाव प्रचार करने गये थे. पीयूष प्रियदर्शी और दुलारचंद यादव पंडारक के खुशहालचक गांव में जनसंपर्क अभियान चलाने गये थे. शाम करीब चार बजे दोनों प्रत्याशियों का काफिला लौट रहा था.
इसी दौरान दोनों का काफिला एक-दूसरे के सामने आ गया. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अनंत सिंह समर्थकों ने थार गाड़ी को सड़क पर आड़े-तिरछे खड़ा कर दिया और पीयूष प्रियदर्शी का काफिला रोक दिया. इसके बाद पीयूष के साथ मारपीट की गयी और गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया गया.
दुलारचंद यादव ने विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की गयी. इतने में ही दोनों पक्ष भी आमने-सामने आ गये. पीयूष के समर्थकों ने पथराव शुरू कर दिया. इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस दौरान अनंत सिंह के समर्थकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी.
इसमें दुलारचंद यादव के पैरों में गोली लगी और वे गिर पड़े. इसके बाद उनके शरीर पर गाड़ी चढ़ा दी गयी. इससे उनकी मौत हो गयी. इस दौरान अनंत सिंह पक्ष के समर्थकों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गयी.
सारा खेला सूरजभान का है- अनंत सिंह
दुलारचंद यादव की हत्या के बाद माेकामा के एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह ने कहा कि हमलोग चुनाव प्रचार कर रहे थे. रास्ता में देखे की 100 से अधिक गाड़ी खड़ा है. हमलोग समझे कि कोई और वोट मांग रहा है. इसके बाद हमलोग आये. इसी दौरान वे लोग मुर्दाबाद का नारा लगाने लगे. किसी को कुछ भी बोलने से मना किया गया. 30 गाड़ी हमलोग आगे बढ़ गये और 10 गाड़ी पीछे रह गये. उन गाड़ियों में रहे समर्थकों को मारना-पीटना शुरू कर दिया.
अनंत सिंह ने आगे कहा कि सब अंगुली में पंजा पहने हुए था और रोड़ा रखे हुए था. सूरजभान का यह खेला था कि किसी तरह से मारपीट हो जाये. पूरा खेला सूरजभान का है. वह दुलारचंद यादव को इसलिए अपने साथ रखे हुए था ताकि उससे गाली-गलौज कराया जा सके.
जमात पर सबसे पहले दुलारचंद यादव ने ही हाथ छोड़ा था. उस समय हमलोग 30-40 गाड़ी से आगे थे. हमलावरों ने 10 गाड़ियों में तोड़फोड़ की. उनके समर्थक के सभी 10 गाड़ियों को बूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. एक गाड़ी तो वहीं छोड़ना पड़ गया.
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दुलारचंद पर दर्ज थे 11 आपराधिक मामले
दुलारचंद पर हत्या, रंगदारी, जैसे 11 संगीन मामले दर्ज थे. 80 के दशक में दुलारचंद का टाल इलाके में दहशत का साम्राज्य था. वे माओवादी का समर्थक रहे थे. 1990 में वह कोर्ट से जमानत के बाद राजनीतिक जीवन बिता रहा थे और हाल के दिनों में जनसुराज के प्रत्याशी पीयूष के साथ चुनाव प्रचार कर रहे थे.
दुलारचंद और अनंत सिंह के बीच पुरानी अदावत थी. 1990 में अनंत सिंह के भाई दिलीप सिंह के खिलाफ वे चुनाव भी लड़े थे. लेकिन हार गये थे. कई दिनों से दोनों के बीच जुबानी जंग भी चल रही थी.
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