Bihar Election 2025: ‘सम्राट चौधरी कलाकारों का सम्मान करते हैं…’, मनोज तिवारी बोले- साजिश के तहत फैलाया जा रहा विवाद
Bihar Election 2025: बिहार चुनावी माहौल में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के ‘नचनिया’ वाले बयान से सियासत गरमा गई है. खेसारी लाल यादव पर की गई टिप्पणी पर अब बीजेपी सांसद मनोज तिवारी सामने आए हैं. उन्होंने सम्राट चौधरी का बचाव करते हुए इसे गलतफहमी और साजिश करार दिया.
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच भोजपुरी सिनेमा और राजनीति की सरहद पर नया विवाद उभर आया है. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव को ‘नचनिया’ कहे जाने के बयान ने सियासी माहौल को गरमा दिया है. बयान के बाद जहां विपक्ष इस टिप्पणी को कलाकारों के अपमान से जोड़कर निशाना साध रहा है, वहीं बीजेपी ने बचाव की कमान अपने ही सिने स्टार सांसद मनोज तिवारी को सौंप दी है.
मनोज तिवारी बोले- सम्राट चौधरी कलाकारों का सम्मान करते हैं
दिल्ली से सांसद और भोजपुरी सुपरस्टार मनोज तिवारी ने सम्राट चौधरी के बचाव में उतरते हुए कहा कि यह विवाद ‘सिर्फ गलतफहमी और साजिश का नतीजा’ है. उन्होंने कहा, ‘मैंने सम्राट भाई से बात की है. वो कलाकारों का बहुत सम्मान करते हैं. बीजेपी और एनडीए की यही पहचान है कि यहां मेहनत और कला दोनों की कद्र की जाती है.
बिहार का हर कलाकार सम्मान के हकदार- मनोज तिवारी
मनोज तिवारी ने यह भी कहा कि बिहार का हर कलाकार सम्मान का हकदार है, चाहे वह किसी भी राजनीतिक विचारधारा से जुड़ा हो. उन्होंने अपील की कि चुनावी माहौल में शालीनता और मर्यादा बनाए रखी जाए.उन्होंने आगे कहा कि “अलग-अलग पार्टी से चुनाव लड़ना कोई अपराध नहीं है. हमें एक-दूसरे को छोटा दिखाने की जरूरत नहीं. बीजेपी हमेशा मर्यादा और सम्मान की राजनीति करती है.
बातचीत के अंत में मनोज तिवारी ने अपने अंदाज में कुछ पंक्तियां गाकर बिहार की मिट्टी को सलाम किया और कहा- यह गीत बिहार की उस जागरूकता और मेहनत को समर्पित है. जो एनडीए के नेतृत्व में एक बार फिर चमक रही है.
खेसारी लाल यादव बोले- शब्दों में मर्यादा होनी चाहिए
इस पूरे विवाद पर खुद खेसारी लाल यादव ने भी संयमित लहजे में प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा- ‘जिसने मेहनत की है, उसके लिए हर शब्द की अहमियत होती है. अगर कोई मुझे ‘नचनिया’ कहता है, तो कोई बात नहीं, वो मेरे बड़े भाई हैं. लेकिन राजनीति में एक सीमा होनी चाहिए. समाज हमें सुनता है, इसलिए शब्दों में मर्यादा रखनी चाहिए.”
खेसारी ने यह भी कहा कि उन्हें किसी शब्द से फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि उनकी पहचान मेहनत से बनी है. ‘जो मेहनत करता है, उसे शब्दों से फर्क नहीं पड़ता. लेकिन बात समाज के आदर की हो, तो नेताओं को सोच-समझकर बोलना चाहिए.’
