‘वह सपनों की दुनिया में मुख्यमंत्री का शपथ ले रहा था’, शिवानंद तिवारी ने तेजस्वी पर लगाए गंभीर आरोप

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल को मिली करारी हार के बाद पार्टी और परिवार में कलह बढ़ गया है. एक समय लालू यादव के करीबी रहे शिवानंद तिवारी ने फेसबुक पर तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद की आलोचना की और पार्टी से खुद के बाहर होने का कारण बताया.

By Paritosh Shahi | November 16, 2025 8:59 PM

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में RJD ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था. महागठबंधन ने उन्हें अपना मुख्यमंत्री चेहरा बनाया था. 14 नवंबर को आए नतीजों में NDA ने महागठबंधन को पूरी तरह मात दे दी. इसके बाद से तेजस्वी यादव हर तरफ से घिरते नजर आ रहे हैं. पहले उनकी बहन रोहिणी आचार्य ने पार्टी और परिवार से नाता तोड़ा और अब शिवानंद तिवारी ने सोशल मीडिया में अपनी भड़ास निकाली है

पोस्ट में तिवारी ने क्या लिखा

शिवानंद तिवारी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “बिहार आंदोलन के दौरान लालू यादव और मैं फुलवारी शरीफ जेल के एक ही कमरे में बंद थे. लालू यादव उस आंदोलन का बड़ा चेहरा थे. लेकिन उनकी आकांक्षा बहुत छोटी थी. रात में भोजन के बाद सोने के लिए जब हम अपनी अपनी चौकी पर लेटे थे तब लालू यादव ने अपने भविष्य के सपने को मुझसे साझा किया था.”

उन्होंने आगे लिखा, “लालू ने मुझसे कहा कि बाबा, मैं राम लखन सिंह यादव जैसा नेता बनना चाहता हूं. लगता है कि कभी कभी-ऊपर वाला शायद सुन लेता है. आज दिखाई दे रहा है कि उनकी वह इच्छा पूरी हो गई है. संपूर्ण परिवार ने जोर लगाया. उनकी पार्टी के मात्र पच्चीस विधायक ही जीते.”

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तेजस्वी यादव पर क्या बोले

शिवानंद तिवारी ने पोस्ट में आगे लिखा, “मन में यह सवाल उठ सकता है कि मैं तो स्वयं उस पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष था. उसके बाद ऐसी बात मैं क्यों कह रहा हूं! मैं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष था. यह अतीत की बात हो गई. तेजस्वी ने मुझे न सिर्फ उपाध्यक्ष से हटाया बल्कि कार्यकारिणी में भी जगह नहीं दी. ऐसा क्यों? क्योंकि मैं कह रहा था कि मतदाता सूची का सघन पुनर्निरीक्षण लोकतंत्र के विरूद्ध साजिश है. इसके खिलाफ राहुल गांधी के साथ सड़क पर उतरो. संघर्ष करो. पुलिस की मार खाओ. जेल जाओ.”

तिवारी ने आगे कहा, “लेकिन वह तो सपनों की दुनिया में मुख्यमंत्री का शपथ ले रहा था. उसको झकझोर कर उसके सपनों में मैं विघ्न डाल रहा था. लालू यादव धृतराष्ट्र की तरह बेटे के लिए राज सिंहासन को गर्म कर रहे थे. अब मैं मुक्त हो चुका हूं. फुरसत पा चुका हूं. अब कहानियां सुनाता रहूंगा. शिवानन्द.”

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