बिहार चुनाव से पहले ईओयू ने बनाई चार विशेष सेल, नकदी से लेकर सोशल मीडिया तक पर रहेगी पैनी नजर

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस मुख्यालय ने कड़ा कदम उठाया है. आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के तहत चार विशेष सेल बनाए गए हैं, जो नकदी और फर्जी मुद्रा के लेनदेन से लेकर मादक पदार्थों की तस्करी और सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट तक पर नजर रखेंगे.

By Abhinandan Pandey | August 21, 2025 9:53 PM

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. चुनावी माहौल में निगरानी और त्वरित कार्रवाई के लिए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के तहत चार विशेष सेल का गठन किया गया है.

ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि ये सेल मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध, इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक पोस्ट और फर्जी मुद्रा या अवैध नकदी के लेनदेन पर रोकथाम के लिए बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि इन सेल को अलग-अलग स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी दी गई है, जो पूरे राज्य के थानों से समन्वय स्थापित कर रोजाना रिपोर्ट तैयार करेंगे.

बैठक में लिया गया फैसला

हाल ही में केंद्र और राज्य की विशेष एजेंसियों- जैसे आयकर विभाग, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और सशस्त्र सीमा बल के साथ समन्वय बैठक भी की गई, जिसमें चुनाव के दौरान संभावित अवैध गतिविधियों पर विस्तृत चर्चा हुई. सभी एजेंसियों को सहयोग के लिए एक साझा मंच पर लाया गया है.

सोशल मीडिया की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर

चुनाव के दौरान अक्सर भारी मात्रा में नकदी और अन्य अवैध साधन मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं. इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- फेसबुक, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब आदि पर भ्रामक और भड़काऊ संदेश फैलाने की भी आशंका रहती है. इस बार गठित विशेष सेल इन दोनों तरह की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगा.

ईओयू के अनुसार, चुनाव की संवेदनशीलता को देखते हुए मॉनिटरिंग का दायरा और सख्त किया गया है. इन सेल की सतत निगरानी सीधे पुलिस मुख्यालय स्तर पर होगी और हर कार्रवाई का रिकॉर्ड रखा जाएगा.

काले धन के इस्तेमाल पर लगेगी लगाम

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस पहल से जहां चुनाव में काले धन के इस्तेमाल पर लगाम लगेगी, वहीं अफवाह फैलाने वालों पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा. बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित हैं, ऐसे में यह कदम राज्य के चुनावी माहौल को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने में अहम भूमिका निभाएगा.

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