Bihar Chunav 2025: विधानसभा चुनाव की लड़ाई सोशल मीडिया पर आई, सीएम नीतीश ने लिखा, ‘शाम में लोग बाहर नहीं निकलते थे’
Bihar Chunav 2025: सीएम नीतीश ने अपने ऑफिशियल एक्स एकाउंट पर एक पोस्ट कर राष्ट्रीय जनता दल पर हमला बोला और उन्होंने दावा किया कि अब बिहार में जंगलराज नहीं आने वाला है.
Bihar Chunav 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव प्रचार अब सिर्फ भाषणों, रैलियों और मंचों तक सीमित नहीं है. अब जमाना बदल चुका है और प्रचार के तरीके भी. इसकी एक झलक रविवार को दिखी जब सीएम नीतीश ने अपने ऑफिशियल एक्स एकाउंट पर एक पोस्ट कर राष्ट्रीय जनता दल पर हमला बोला और उन्होंने दावा किया कि अब बिहार में जंगलराज नहीं आने वाला है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि उनकी 20 साल के सरकार के कार्यकाल में अब तक क्या-क्या बदला है.
अपराधियों को सत्ता से सीधे संरक्षण मिलता था: CM
सीएम नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट लिखा, “2005 से पहले का दौर आप सब सबको याद होगा, जब बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर था. हर तरफ अराजकता का माहौल था. लोगों का घरों से निकलना दूभर हो गया था. शाम 6 बजे के बाद लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते थे. हमारी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं थीं. राज्य में अपहरण का धंधा उद्योग का रूप धारण कर चुका था. शोरूम से दिनदहाड़े गाड़ियां लूट ली जाती थीं. अपराधियों के भय से कोई नई गाड़ी नहीं खरीदना चाहता था. पैसा रहते हुए भी कोई नया मकान नहीं बनाना चाहता था. राज्य में रंगदारों के आतंक की वजह से उद्योग धंधे बंद हो चुके थे. राज्य से डॉक्टर-इंजीनियर पलायन कर रहे थे. पूरी व्यवस्था चरमरा गई थी. बिहार में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई थी. अपराध को सत्ता से सीधे संरक्षण मिल रहा था और सत्ता में बैठे लोगों ने शासन-प्रशासन को पूरी तरह से पंगु बना कर रख दिया था. राज्य की जनता डर के साए में जीवन व्यतीत करने को मजबूर थी. बिहारी कहलाना अपमान की बात थी.
RJD की सरकार में पुलिस के पास नहीं थी गाड़ियां: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए लिखा वर्ष 2005 में जब हम लोगों की सरकार बनी तो हमने सबसे पहले विधि-व्यवस्था के संधारण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कानून का राज स्थापित किया. अपराध और भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई. अब राज्य में किसी प्रकार के डर एवं भय का वातावरण नहीं है. राज्य में प्रेम, भाईचारे और शांति का माहौल है. पहले पुलिस के पास न तो गाड़ियां होती थीं और न हथियार. अत्याधुनिक हथियारों के अभाव में पुलिस का मनोबल काफी नीचे था. वर्ष 2005 में बिहार में थानों की संख्या सिर्फ 817 थी, जिसे बढ़ाकर अब 1380 से भी ज्यादा कर दिया गया है. पुलिस थानों के लिए अत्याधुनिक भवन बनाए गए. साथ ही, पुलिस वाहनों की संख्या कई गुना बढ़ाई गई. पुलिस प्रशासन को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया. सिपाही एवं पुलिस पदाधिकारियों की नियुक्ति को प्राथमिकता दी गई. स्पेशल ऑग्जिलरी पुलिस (सैप) का गठन किया गया.
बिहार में हमने बढ़ाई पुलिसकर्मियों की संख्या
सीएम नीतीश ने आगे लिखा कि 24 नवंबर 2005 को राज्य में नई सरकार बनने के समय बिहार पुलिस में कार्यरत बल की संख्या काफी कम थी. उस समय मात्र 42 हजार 481 पुलिसकर्मी कार्यरत थे. हमारी सरकार ने वर्ष 2006 में कानून व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए पुलिस बल की संख्या में बढ़ोत्तरी की. वर्तमान में राज्य में पुलिस बल की संख्या बढ़कर 1 लाख 25 हजार से भी ज्यादा हो गई है. सरकार ने तय किया कि पुलिस बल की संख्या को और बढ़ाना है. इसके लिए कुल 2 लाख 29 हजार से भी अधिक पदों का सृजन कर तेजी से पुलिसकर्मियों की बहाली की जा रही है.
महिलाओं को दिया 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ: सीएम नीतीश
उन्होंने लिखा कि वर्ष 2013 से ही पुलिस में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया. महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तथा महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए बिहार पुलिस में महिला सिपाहियों की बड़ी संख्या में नियुक्ति की गई. साथ ही ‘आदिवासी महिला स्वाभिमान बटालियन’ का गठन किया गया. बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी आज देश में सबसे ज्यादा है. वर्ष 2008 में राज्य सिपाही भर्ती बोर्ड का गठन किया गया एवं वर्ष 2017 में बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग का गठन किया गया ताकि पुलिस बल की नियुक्ति शीघ्र हो सके. अपराध के वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई. आपराधिक मामलों के तेजी से निष्पादन के लिए थानों में विधि व्यवस्था और अनुसंधान को अलग-अलग किया गया.
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अब बिहार में नहीं लौटेगा जंगलराज: CM
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य की जनता ने 2005 में ही तय कर लिया था कि उसे तरक्की की राह पर बढ़ता हुआ बिहार चाहिए. वर्ष 2005 का वह वक्त बिहार के लिए एक बहुत बड़ा निर्णायक मोड़ था. आज बिहार में न्याय के साथ विकास हो रहा है. युवा वर्ग को नौकरी और रोजगार मिल रहा है. बहन-बेटियों और महिलाओं के उत्थान के लिए नित नए काम हो रहे हैं. नया बिहार, उद्योग और बढ़ते कारोबार वाला बिहार है. बिहार में खुशहाली है. बिहार में सुशासन है. अब बिहारी कहलाना अपमान नहीं सम्मान की बात है. बिहार के लोग अब कभी भी उस अराजक दौर में वापस नहीं लौटेंगे.
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