Bihar Election 2025: पीके की पार्टी जन सुराज का हुआ बुरा हाल, चुनाव आयोग की इलेक्शन रिजल्ट की पार्टी लिस्ट से भी गायब
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की वो रणनीति देखने को नहीं मिली, जिसकी सब उम्मीद कर रहे थे. प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी का ऐलान करने से पहले दो महीने से अधिक का सफर तय कर बिहार की जनता से जाति और धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर एक नया विकल्प चुनने की अपील की थी, लेकिन जनता ने प्रशांत किशोर की इस बात को स्वीकार नहीं किया.
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Bihar Election 2025: बिहार की जनता ने प्रशांत किशोर पर भरोसा नहीं किया है. आज जारी मतगणना के शुरुआती रुझानों में प्रशांत किशोर की वो रणनीति देखने को नहीं मिल रही हैं. जनसुराज पार्टी रूझान से पूरी तरह गायब है. फिलहाल सुबह 11.30 बजे तक की काउंटिंग में बिहार के 243 विधानसभा में जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी पीछे चल रहे हैं. एनडीए को रुझानों में बहुमत मिलता नजर आ रहा है. वहीं महागठबंधन बहुमत से बहुत पीछे है, लेकिन प्रशांत किशोर को करारा झटका लगा है. सुबह 11.00 बजे तक प्रशांत किशोर एक भी सीट पर आगे नहीं हो सकें.
इलेक्शन कमीशन के रिजल्ट लिस्ट से भी जनसुराज गायब
जनसुराज पार्टी की बुरा हाल है. वोट प्रतिशत के मामले में भी सबसे पीछे है. 11.30 बजे तक जनसुराज के एक भी प्रत्याशी इस रेस में आगे बढ़ते हुए दिखाई नहीं पड़े. सुबह आठ बजे से शुरू हुई वोटों की गिनती के बाद से लेकर सुबह 11.30 बजे तक प्रशांत किशोर की पार्टी लगातार पीछे रही. वहीं इलेक्शन कमीशन के वेबसाइट पर दिखने वाली रिजल्ट लिस्ट से भी जनसुराज पार्टी गायब रही. चनपटिया से मनीष कष्यप और करगहर से रितेष पाण्डेय भी पीछे है. वहीं मढ़ौरा से जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार नवीन कुमार सिंह उर्फ अभय सिंह दूसरे नंबर पर चल रहे है.
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प्रशांत किशोर ने दो महीने से अधिक का सफर तय कर मांगा था समर्थन
प्रशांत किशोर ने जनसुराज पद यात्रा की शुरुआत 2 अक्टूबर 2022 को की थी. उन्होंने पश्चिम चंपारण के भितिहारवा गांधी आश्रम से अपनी पद यात्रा शुरू की थी, जो लगभग 3000 किलोमीटर लंबी थी. प्रशांत किशोर जनसुराज पद यात्रा के दौरान तंबुओं से बनाए गए पदयात्रा कैंप में ही रात्रि विश्राम करते थे. उन्होंने दिन की शुरुआत करने से पहले पत्रकारों से बातचीत करते थे और उस इलाके की समस्याओं की जानकारी लेते थे. प्रशांत किशोर जिस प्रखंड में होते थे, वहां के स्थानीय जन सुराज के प्रखंड समिति के सदस्यों के साथ मिलकर बात करते थे.
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जाति और धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर नया विकल्प चुनने की अपील
प्रशांत किशोर ने अपनी दो महीने की पदयात्रा के दौरान लगभग पांच हजार से अधिक गांवों में जाकर संवाद किया था, इसके बाद उन्होनें जन सुराज पार्टी की स्थापना की. प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं से राज्य के विकास, शिक्षा और रोजगार के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस बार नया विकल्प ‘जन सुराज पार्टी’ को चुनने की अपील की थी, इसके साथ ही मतदाताओं से अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट करने का आग्रह किया था, न कि पारंपरिक राजनीतिक दलों या नेताओं के बच्चों के लिए.
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प्रशांत किशोर एक दिन में करते थे 18 से 22 किलोमीटर का सफर
प्रशांत किशोर एक दिन में लगभग 18 से 22 किमी का सफर तय करते थे और शाम को दूसरे कैंप में पहुंच जाते थे, इस दौरान वे 6 से 7 गांवों और पंचायतों में सभा को संबोधित करते थे. प्रशांत किशोर अपनी पदयात्रा के दौरान जनता की सवालों का जवाब तसल्ली से देते थे. प्रशांत किशोर दिन भर दूरी तय करने के बाद सैंकड़ो पदयात्रियों के साथ कैंप पहुंचते थे और वहां सैकड़ों की सख्या में मौजूद स्थानीय लोगों को कैंप में संबोधित करते थे.
